मराठा शासक छत्रपति शिवाजी का नाम एक बार फिर चर्चा में है। 'छत्रपति शिवाजी' के नाम से जुड़ा ताज़ा विवाद छिड़ा एक ऐसी पुस्तक को लेकर जिसका शीर्षक है 'आज के शिवाजी- नरेंद्र मोदी'। इस पुस्तक के लेखक जय भगवान गोयल का कहना है, ‘जिस तरह शिवाजी महाराज मुग़लकाल में अपने स्वाभिमान को बनाए रखते हुए काम करते थे, 70 साल में पहली बार ऐसा कोई प्रधानमंत्री आया है जो उसी तरह काम कर रहा है और इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इस किताब के बारे में सोचा।’
छत्रपति की मोदी से तुलना; क्या शिवाजी को मुसलमानों से नफ़रत थी?
- विचार
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- 19 Jan, 2020

'छत्रपति शिवाजी' के नाम से जुड़ा ताज़ा विवाद छिड़ा एक ऐसी पुस्तक को लेकर जिसका शीर्षक है 'आज के शिवाजी- नरेंद्र मोदी'। छत्रपति की मोदी से तुलना क्यों? क्या शिवाजी को मुसलमानों से नफ़रत थी?
क्या शिवाजी की तुलना नरेंद्र मोदी से करना तर्क सांगत है? क्या एक शासक के रूप में शिवाजी की नीयत और नीतियाँ वैसी ही थीं जैसी मोदी शासन में दिखाई दे रही हैं? धर्म अथवा जाति से संबंधित अनेक विवादित फ़ैसलों को लेकर आज जिस तरह देश में जगह-जगह बेचैनी व विरोध-प्रदर्शन दिखाई दे रहे हैं, क्या शिवाजी के समय भी यही स्थिति थी? क्या शिवाजी की भी मुसलमानों के प्रति धारणा ऐसी ही थी जैसी आज के सत्ताधारियों की है?