पत्रकार विनोद दुआ पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में 'द वायर' की बनाई एक्सटर्नल कंप्लेन कमिटी भंग कर दी गई है। कमिटी ने कहा है कि इसकी वजह यह है कि केस आगे नहीं बढ़ा। 'द वायर' ने एक बयान में कहा है कि कमिटी को दोनों पक्षों से बिना शर्त की सहमति नहीं मिली जो मामले में आगे की जाँच के लिए एकमात्र माध्यम हो सकता है। यह मामला #MeToo अभियान के दौरान फ़िल्ममेकर निष्ठा जैन के लगाए यौन उत्पीड़न के आरोप से जुड़ा है।
#MeToo: दुआ मामले की जाँच शुरू होने से पहले कंप्लेन कमिटी भंग
- #MeToo
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- सत्य ब्यूरो
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- 31 Jan, 2018
पत्रकार विनोद दुआ पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में 'द वायर' की बनाई एक्सटर्नल कंप्लेन कमिटी अब भंग हो गई है। कमिटी ने केस को आगे बढ़ाने में असफल रहने को इसका कारण बताया है।

'द वायर' के अनुसार, कमिटी ने ख़ुद को भंग किए जाने की एक-एक कॉपी दोनों पक्षों के अलावा 'द वायर' को भी 30 दिसम्बर को दी है। इसके साथ ही कमिटी ने यह भी साफ़ किया, ‘हम पूरी तरह से स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम न तो शिकायतकर्ता के आरोपों और न ही दूसरे पक्ष के प्रत्यारोपों और बचाव में दायर की गई याचिकाओं पर कोई टिप्पणी कर रहे हैं।’
फ़ेसबुक पर निष्ठा जैन के पोस्ट लिखे जाने के बाद 'द वायर' ने इस कमिटी का गठन 17 अक्टूबर, 2018 को किया गया था। निष्ठा ने आरोप लगाया था कि विनोद दुआ ने 1989 में उनका यौन शोषण किया था।
जाँच कमिटी के सामने क्या थी दिक़्क़त?
तीन बैठकों और सौ से ज़्यादा ईमेल के बाद कमिटी ने मामले की प्रगति और बाधाओं की समीक्षा की और इस नतीजे पर पहुँची कि अब जाँच को आगे बढ़ाने का कोई मतलब नहीं है।
अपनी रिपोर्ट में कमिटी ने कहा कि निष्ठा जैन से लिखित शिकायत मिली। विनोद दुआ का जवाब और फिर निष्ठा की प्रतिक्रिया।