अभिनेता आलोक नाथ को मुंबई की एक अदालत ने राहत देते हुए कहा है कि हो सकता है कि एकतरफ़ा प्यार में उन्हें फंसाया गया हो। आलोक नाथ पर नवंबर, 2018 में लेखिका विंता नंदा की शिकायत पर मुक़दमा दर्ज़ हुआ था। आलोक नाथ को मीडिया इंडस्ट्री में ‘संस्कारी’ अभिनेता के नाम से जाना जाता है। विंता नंदा ने जब आलोक नाथ पर आरोप लगाया था तो मीडिया इंडस्ट्री में इसे लेकर कई दिनों तक ख़ासी चर्चा हुई थी। नंदा ने अक्टूबर, 2018 में आलोक नाथ पर आरोप लगाया था कि 19 साल पहले उन्होंने उनके साथ रेप किया था। #MeToo कैंपेन में कई नामी हस्तियों पर यौन उत्पीड़न व रेप के आरोप लगे थे।
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न्यायाधीश एसएस ओझा ने 62 साल के आलोक नाथ को 5 लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी। मंगलवार को कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए गए 15 पन्नों के आदेश में कहा गया है, शिकायतकर्ता ने जो आरोप लगाए हैं, हो सकता है कि वह उसके आलोक नाथ के लिए एकतरफ़ा प्यार के चलते और बदला लेने के लिए लगाए गए हों। कोर्ट ने कहा, ‘अभिनेता के ख़िलाफ़ अपमानजनक, झूठे, दुर्भावनापूर्ण और काल्पनिक आरोपों के आधार पर केस दर्ज़ हुआ।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आरोपी को ग़लत तरीके से अपराध में फंसाया गया हो। कोर्ट ने कहा कि विंता नंदा यह नहीं बता सकीं कि घटना किस तारीख़ और किस महीने में हुई।
#MeToo में सबसे पहले तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर पर छेड़छाड़ और बदतमीजी का आरोप लगाया था। नाना पाटेकर, आलोक नाथ, साजिद खान, विकास बहल, पीयूष मिश्रा, अनु मलिक, अभिजीत समेत कई बड़े सितारों के नाम इसमें सामने आए थे।
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