हालिया टीआरपी घोटाले के मद्देनज़र ब्रॉडकास्टिंग ऑडिएंस रिसर्च कौंसिल यानी बार्क ने दो से तीन महीने तक के लिए न्यूज़ चैनलों की टीआरपी न देने का एलान किया है। उसका कहना है कि वह इस दौरान अपनी रेटिंग प्रणाली में सुधार करेगा। बार्क की घोषणा से यही लगता है कि वह टीआरपी मापने के लिए लगाए जाने वाले मीटर, जिन्हें वह बैरोमीटर कहता है, के दुरुपयोग की गुंज़ाइश कम या ख़त्म करने का इरादा रखता है। अगर ऐसा है तो बार्क उन बड़े सुधारों से बचने की कोशिश कर रहा है जिसकी सख़्त ज़रूरत है।