हालिया टीआरपी घोटाले के मद्देनज़र ब्रॉडकास्टिंग ऑडिएंस रिसर्च कौंसिल यानी बार्क ने दो से तीन महीने तक के लिए न्यूज़ चैनलों की टीआरपी न देने का एलान किया है। क्या सिर्फ़ इसी से रेटिंग प्रणाली में सुधार हो जाएगा?
रेटिंग एजेंसी बार्क ने तीन महींने के लिये रेटिंग बंद कर दी है! तो टीवी की सारी गंदगी ख़त्म? अकेले अर्णब ही ज़िम्मेदार? बाकी सब दूध के धुले? आशुतोष के साथ चर्चा में हैं- आलोक जोशी, विजय त्रिवेदी, विनोद कापड़ी, तस्लीम ख़ान, मनीषा पांडे।
टीआरपी घोटाले के भंडाफोड़ होने के बाद से टीआरपी और भी संदिग्ध हो गई है। ऐसे में बार्क के सामने चुनौती है कि वह रेटिंग सिस्टम को ठीक करे। लेकिन वह क्या कर सकता है और क्या उससे दर्शकों को कोई फ़ायदा होगा? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट। Satya Hindi
बार्क ने कहा है कि वह अगले 3 महीनों तक टेलीविज़न चैनलों की रेटिंग नहीं करेगा ताकि 'रेटिंग के मौजूदा मानकों की समीक्षा की जा सके और उन्हें बेहतर बनाया जा सके।'