रेटिंग एजेंसी बार्क ने तीन महींने के लिये रेटिंग बंद कर दी है! तो टीवी की सारी गंदगी ख़त्म? अकेले अर्णब ही ज़िम्मेदार? बाकी सब दूध के धुले? आशुतोष के साथ चर्चा में हैं- आलोक जोशी, विजय त्रिवेदी, विनोद कापड़ी, तस्लीम ख़ान, मनीषा पांडे।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।