सुप्रीम कोर्ट में आज अयोध्या का मामला आना था। मामला आने का अर्थ यह कि सुप्रीम कोर्ट को आज बताना था कि इस मामले की सुनवाई कौन करेगा। उसने अपना काम किया और बताया कि तीन जजों की बेंच 10 जनवरी को इस मुद्दे पर पहली सुनवाई करेगी।
लेकिन यदि आप टीवी चैनलों का हाल देखें तो वे सुबह से गाए जा रहे थे कि अयोध्या मामले में आज बहुत बड़ा कुछ होगा। पैनल पर एक्सपर्ट बिठा रखे थे जो अयोध्या मामले पर कुछ न कुछ कहे जा रहे थे, जबकि 29 अक्टूबर 2018 को ही कोर्ट ने कह दिया था कि जनवरी के पहले हफ़्ते में केवल बेंच तय होगी। तय था कि आज कुछ नहीं होना है। आज सिर्फ़ बेंच तय होगी। बेंच में जज कौन होंगे, यह भी अदालत को आज नहीं बताना था क्योंकि वह प्रशानसनिक मामला होता है जो अलग से तय होना है। तो आज जब जजों का नाम भी नहीं आना था तो भाई लोगों ने यह कैसे सोच लिया कि आज से सुनवाई शुरू हो जाएगी।
लेकिन मीडिया के अनपढ़ और अनजान पत्रकारों ने सुबह से ऐसा माहौल बना दिया कि जैसे आज बहुत-कुछ होना है। और जब सुप्रीम कोर्ट ने 60 सेकंड में बस इतना कहा कि तीन जजों की बेंच इसकी सुनवाई करेगी तो चैनल वाले चलाने लगे - अयोध्या मामले में तारीख़ पर तारीख़, अयोध्या में नई तारीख़, ‘दामिनी’ फ़िल्म से सनी देवल का मशहूर डायलॉग चुराते हुए। इससे जनता में संदेश क्या जाएगा - यही कि सुप्रीम कोर्ट किसी ख़ास मंशा से अयोध्या मामले में सुनवाई करने में देर-पर-देर कर रहा है और अयोध्या मामला लटकाए जा रहा है।
