मीडिया में क्या दलितों, पिछड़ों को सही प्रतिनिधित्व मिला है? क्या निर्णय लेने वाली जगहों पर अगड़ी जाति के लोगों का कब्जा है? यदि ऐसा है तो क्या ख़बरों या लेखों में दलितों और पिछड़ों के मुद्दों को उचित जगह मिल पाती होगी?
भारतीय मीडिया में प्रमुख पदों पर 90% लोग उच्च जाति के: रिपोर्ट
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- 15 Oct, 2022
दलितों और पिछड़ों के साथ जैसा भेदभाव समाज में होता है, क्या वैसा ही भेदभाव मीडिया में भी होता है? यदि मीडिया में इनका प्रतिनिधित्व नहीं होगा तो उनके मुद्दे क्या सही से उठेंगे?

इन्हीं सवालों के जवाब देने की कोशिश एक अध्ययन में की गई है। ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मीडिया में नेतृत्व के लगभग 90% पदों पर उच्च जाति समूहों का कब्जा है। इसमें से एक भी दलित या आदिवासी भारतीय मुख्यधारा के मीडिया का नेतृत्व नहीं कर रहे हैं।