अगर आप पत्रकार हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रोग्राम को कवर करना चाहते हैं तो आपको चरित्र प्रमाणपत्र देना होगा। यानी आपका चरित्र पीएम मोदी को कवर करने लायक है या नहीं, यह काम सरकारी जांच एजेंसियां करेंगी। पीएम मोदी वैसे भी पत्रकारों का सामना और प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करने के लिए जाने जाते हैं। हिमाचल प्रदेश में कल बुधवार को मोदी के कई कार्यक्रम हैं, उसे कवर करने वाले इच्छुक पत्रकारों से कहा गया है कि वे पहले चरित्र प्रमाणपत्र जमा कराएं।
चरित्र प्रमाणपत्र सिर्फ प्राइवेट चैनल वालों से ही नहीं बल्कि अखबारों, डिजिटल और ऑल इंडिया रेडियो (AIR) और दूरदर्शन जैसे सरकारी मीडिया प्रतिनिधियों से भी 'चरित्र प्रमाणपत्र' मांगा गया है। पुलिस ने इस मामले में 29 सितंबर को सरकारी नोटिफिकेशन जारी किया था।
पत्रकारों की विडंबनाः यहां यह बताना जरूरी है कि एक तरफ तो पीएम को कवर करने वाले पत्रकारों से चरित्र सत्यापन प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है, जबकि रैली में शामिल होने के लिए लाए जाने वाले हजारों लोगों को किसी पहचान या चरित्र प्रमाणपत्र पेश करने की जरूरत नहीं होगी।
पत्रकारों से दूरी
पत्रकारों से दूरीपीएम मोदी ने 2014 में केंद्र की सत्ता में आने के बाद से ही पत्रकारों से दूरी बना रखी है। वो प्रेस कॉन्फ्रेंस तक नहीं करते हैं। मशहूर पत्रकार करण थापर और इंडिया टुडे के एक पत्रकार को इंटरव्यू देने के दौरान मोदी नाराज हो गए थे। अलबत्ता उनके साथ कुछ ऐसे पत्रकारों को सेल्फी लेते देखा गया था, जो सरकार और पीएम मोदी की तारीफ के लिए जाने जाते हैं।
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