उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में एक पत्रकार दीप श्रीवास्तव ने न्यूज़लाउंड्री की पत्रकार निधि सुरेश के ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया है। समझा जाता है कि दीप श्रीवास्तव ने वह एफ़आईआर इसलिए दर्ज कराई क्योंकि न्यूज़लाउंड्री ने इस पर एक ख़बर छापी थी और उस ख़बर में कथित उगाही का आरोप लगाया गया था। हालाँकि, पुलिस एफ़आईआर में कारण साफ़ नहीं है।
न्यूज़लाउंड्री ने जो अब रिपोर्ट छापी है उसके अनुसार दीप श्रीवास्तव की मानहानी की शिकायत को स्वीकार करते हुए यूपी पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 500 और 501 के तहत एफ़आईआर दर्ज की है। रिपोर्ट के अनुसार इस एफ़आईआर का आधार निधि सुरेश के ट्वीट को बताया गया है, लेकिन वह कौन सा ट्वीट है यह साफ़ नहीं किया गया है। यहीं पर न्यूज़लाउंड्री ने सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले का ज़िक्र करते हुए लिखा है कि आपराधिक मुक़दमे के मामले में शिकायतकर्ता को मजिस्ट्रेट के सामने ही आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 200 के तहत ही शिकायत दर्ज कराना चाहिए क्योंकि भारतीय दंड संहिता की धारा 500 और 501 के तहत अपराध असंज्ञेय हैं।
न्यूज़ वेबसाइट की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 4 जुलाई को दोपहर 3 बजकर 43 मिनट पर एफ़आईआर दर्ज की गई और 5 जुलाई को क़रीब 11 बजे जाँच अधिकारी ने बिना किसी औपचारिक नोटिस के ही शाहजहांपुर में बयान दर्ज करने के लिए फोन कर दिया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उसी दिन शाम क़रीब 6 बजे फिर से इसके लिए फ़ोन किया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि जब निधि सुरेश ने कहा कि वह दिल्ली में हैं शाहजहाँपुर में नहीं तो अधिकारी ने कथित तौर पर कहा कि उन्हें वहाँ व्यक्तिगत तौर पर पेश होना पड़ेगा।
इस मामले में शाहजहाँपुर पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि प्रकरण में तहरीर के आधार पर थाना पर मामला पंजीकृत किया गया है और आगे की कार्यवाही की जा रही है।
प्रकरण में तहरीर के आधार पर थाना पर अभियोग पंजीकृत किया गया, अग्रिम विवेचनात्मक कार्यवाही की जा रही है।
— SHAHJAHANPUR POLICE (@shahjahanpurpol) July 7, 2021
हालाँकि, यह साफ़ नहीं है कि वह एफ़आईआर आख़िरकार किस ट्वीट और किस मुद्दे पर ट्वीट को लेकर है, लेकिन न्यूज़लाउंड्री में निधि सुरेश ने 1 जुलाई को एक रिपोर्ट दी थी। वह रिपोर्ट आइशा अल्वी नाम की एक महिला की दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका पर थी। आइशा अल्वी ने उस याचिका में कहा था कि इसलाम में धर्मांतरण के बाद उसे मीडिया द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। न्यूज़लाउंड्री की रिपोर्ट के अनुसार आइशा अल्वी ने अपनी याचिका में एक मोबाइल फ़ोन नंबर का उल्लेख किया था और आरोप लगाया था कि 'फ़ोन करने वाला वाला उनको कथित तौर पर धमकी दे रहा था कि यदि मैं उसे रुपये नहीं देती हूँ तो वह ख़बर प्रकाशित कर देगा और मुझे जेल हो जाएगी। इसके बाद उसने जबरन 20 हज़ार रुपये ऐंठ भी लिए।'
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