एनसीपी प्रमुख शरद पवार की अजित पवार के साथ बैठक को लेकर लगाए जा रहे तरह-तरह के कयास के बीच कांग्रेस नेता ने अजित पवार को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने दावा किया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अजित पवार को महाराष्ट्र का सीएम पद देने की बात कही है, लेकिन इसके लिए उनको एक बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। यह ज़िम्मेदारी शरद पवार को लेकर है।
विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने बुधवार को दावा किया कि 'अजित पवार को बीजेपी और पीएम मोदी इस शर्त पर लाए थे कि अगर वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के अपने सपने को पूरा करना चाहते हैं तो उन्हें अपने चाचा शरद पवार को एनडीए में शामिल करना होगा।'
भतीजे और चाचा के बीच कथित तौर पर 'गुप्त' बैठकों के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए कांग्रेस नेता वडेट्टीवार ने कहा कि यही कारण है कि अजित बार-बार पवार से मिल रहे थे। एनसीपी में फूट पड़ने के बाद से अजित और शरद पवार की चार मुलाकातें की ख़बरें बाहर आ चुकी हैं। ताज़ा मुलाक़ात इसी शनिवार को पुणे में हुई जिसे 'सीक्रेट मीटिंग' कहा गया।
इसी संदर्भ में वडेट्टीवार ने दावा किया है, 'भाजपा अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले आशंकित हो गई है। दो पार्टियों के बँटवारे के बाद भी वह संतुष्ट नहीं है। इसलिए वह एनसीपी प्रमुख को अपने साथ शामिल करना चाहती है। वे जानते हैं कि वह देश भर के सबसे बड़े नेताओं में से एक हैं। उनकी एक बड़ी जन अपील है। इसलिए, उन्हें जीत के लिए उनके समर्थन की सख्त ज़रूरत है।'
शरद पवार की अजित पवार के साथ मुलाक़ात को लेकर जब कयास लगने शुरू हुए तो पवार ने कहा कि उनके कुछ 'शुभचिंतक' भाजपा में जाने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं।
हालाँकि, जब कांग्रेस नेता के बयान के बाद बुधवार को इस पर काफी प्रतिक्रिया शुरू हुई तो कांग्रेस नेता के दावों पर शरद पवार ने कहा कि उन्हें बीजेपी कैबिनेट के लिए कोई ऑफर नहीं है।
दो दिन पहले ही शरद पवार की अजित पवार के साथ मुलाक़ात के बाद कांग्रेस के साथ ही शिवसेना (यूबीटी) ने भी उनसे ऐसी बैठकों से पैदा होने वाले 'भ्रम' को दूर करने के लिए कहा था। तो सवाल है कि शरद पवार और अजित पवार को लेकर ऐसा क्या भ्रम है कि इस पर सफ़ाई मांगी गई?
दरअसल, यह भ्रम इसलिए है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार तो विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की बैठकों में जा रहे हैं और विपक्षी एकता के साथ होने की बात कह रहे हैं, लेकिन इसी एनसीपी का एक धड़ा उनके भतीजे अजित पवार के नेतृत्व में बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार में शामिल है। इसी वजह से जब-जब शरद पवार और अजित पवार मिल रहे हैं तो यह सवाल खड़ा हो रहा है कि शरद पवार की आख़िर रणनीति क्या है। वैसे, शरद पवार लगातार कह रहे हैं कि 'एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मैं यह स्पष्ट कर रहा हूँ कि मेरी पार्टी भाजपा के साथ नहीं जाएगी। भारतीय जनता पार्टी के साथ कोई भी जुड़ाव एनसीपी की राजनीतिक नीति में फिट नहीं बैठता है।' शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने भी दावा किया था कि शरद पवार अपने जीवनकाल में भाजपा से हाथ नहीं मिलाएंगे।
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