मध्य प्रदेश में बजरंग दल पर घमासान जारी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बयान के बाद एमपी के वरिष्ठ मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार 17 अगस्त को जवाब दिया। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, "हमने पहले कहा था कि (बजरंग दल पर) प्रतिबंध के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। कांग्रेस झूठ फैलाकर वोट बटोरती है। क्या वे कर्नाटक में इस पर प्रतिबंध लगाने में सक्षम थे...?"
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो बजरंग दल पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि गुंडों और दंगाइयों को बख्शा नहीं जाएगा।
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दिग्विजय और नरोत्तम मिश्रा का बयान ऐसे समय में आया है, जब मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। लेकिन देखने में आ रहा है कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में सॉफ्ट हिन्दुत्व का कार्ड खेलना शुरू कर दिया है। दिग्विजय का बयान उसी का हिस्सा लग रहा है। इसी तरह पूर्व सीएम और सीनियर कांग्रेस नेता कमलनाथ ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री पर डोरे डाले। उनके बेटे नकुलनाथ ने शास्त्री की अगवानी की। हालांकि तमाम राजनीतिक विश्लेषक कांग्रेस को चेतावनी दे रहे हैं कि वो मध्य प्रदेश में सॉफ्ट हिन्दुत्व के फेर में न पड़े। वो भाजपा की पिच है, भाजपा ही उस पर खेलती है।
बहरहाल, दिग्विजय ने बुधवार को भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) कार्यालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की।
राज्य में कांग्रेस पार्टी की सत्ता में वापसी के बाद बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के बारे में पूछे जाने पर, दिग्विजय सिंह ने कहा, "हम बजरंग दल पर प्रतिबंध नहीं लगाएंगे क्योंकि बजरंग दल में कुछ अच्छे लोग भी हो सकते हैं। लेकिन हम दंगों या हिंसा में शामिल किसी को भी नहीं छोड़ेंगे।"
हिंदुत्व के मुद्दे पर कांग्रेस नेता ने कहा, "मैं हिंदू था, मैं हिंदू हूं और हिंदू रहूंगा। मैं हिंदू धर्म का पालन करता हूं और सनातन धर्म का अनुयायी हूं। मैं भाजपा नेताओं से बेहतर हिंदू हूं।"
पूर्व सीएम ने कहा, "भारत हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी का है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को देश को बांटना बंद करना चाहिए। देश में शांति स्थापित करें, शांति से ही देश आगे बढ़ेगा।"
इससे पहले पीसीसी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर निशाना साधा। इस दौरान सिंह ने कहा, "बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती मेरी छोटी बहन हैं और कोई भी देख सकता है कि बीजेपी ने उनके साथ क्या किया। भारती किस तरह से शराबबंदी के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ रही थीं, उन्होंने आवाज उठाई लेकिन उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली।"
उन्होंने कहा, पिछले 20 वर्षों में भाजपा का कुशासन रहा है, हर जगह भ्रष्टाचार हुआ है। नौकरियों, ठेकों और यहां तक कि धार्मिक कार्यों में भी भ्रष्टाचार है। उन्होंने आरोप लगाया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है। राम मंदिर के लिए हजारों करोड़ रुपये इकट्ठा किये गये लेकिन आज तक उसकी रिपोर्ट नहीं दी गयी। मंदिर निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपये की जमीन 20 करोड़ रुपये में खरीदी गई।
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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव इसी साल होने हैं। इसलिए राज्य में राजनीतिक बयानबाजी और गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को एमपी में बड़े झटके लगे थे। 2018 के राज्य चुनावों में, भाजपा ने मध्य प्रदेश में सत्ता खो दी थी, लेकिन वह एक साल से अधिक समय के बाद बाद एमपी में कांग्रेस सरकार को गिराने में सफल रही। 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में भाजपा की संख्या 109 थी, जबकि कांग्रेस की 114 थी। लेकिन बाद में कांग्रेस के काफी विधायक भाजपा में चले गए।
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