शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के विद्रोह से उठे राजनीतिक तूफान के बीच अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपना आधिकारिक आवास खाली कर रहे हैं। ठाकरे अब आधिकारिक सीएम आवास 'वर्षा' छोड़कर उपनगरीय बांद्रा में अपने निजी आवास 'मातोश्री' वापस जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग मुख्यमंत्री आवास से पैक बैग ले जा रहे हैं।
इससे पहले आज उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वह कभी भी मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। हालाँकि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपने इस्तीफे की घोषणा नहीं की है।
कुछ घंटे पहले ही उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव में कहा कि 'अगर विधायक सामने आकर बोलें तो इस्तीफा देने को तैयार हूं'। उन्होंने कहा कि 'मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए बेकरार नहीं हूं। मैं तो संयोग से सीएम बना। शरद पवार ने प्रस्ताव किया था कि मैं मुख्यमंत्री बनूं।' हालांकि उद्धव का यह संबोधन महाराष्ट्र की जनता के नाम था लेकिन कुल मिलाकर यह संदेश बागी विधायकों और शिवसैनिकों को था। और उनके इस भाषण के बाद ही एकनाथ शिंदे का यह ट्वीट आया है।
शिंदे को शिवसेना विधायक दल का नेता नियुक्त करने के अलावा, बागी गुट ने एक प्रस्ताव में कहा है कि वैचारिक रूप से विरोध करने वाली कांग्रेस और शरद पवार की राकांपा के साथ गठबंधन को लेकर पार्टी कैडर में 'भारी असंतोष' है।
उद्धव ने कहा कि वह "कुर्सी के लिए नहीं लड़ेंगे" और शिवसेना हिंदुत्व को कभी नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा, 'अगर एक भी विधायक ने मुख्यमंत्री के रूप में मुझ पर आपत्ति जताई तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। मैं अपना इस्तीफा तैयार रख रहा हूं। आप मुझे बताएं कि आप चाहते हैं कि मैं इस्तीफा दे दूं।' शिवसेना के 30 विधायकों द्वारा बागी एकनाथ शिंदे को अपने नेता के रूप में समर्थन देने के लिए राज्यपाल को लिखे जाने के तुरंत बाद ठाकरे ने यह संबोधन किया है। ठाकरे ने कहा, 'मुझे एकनाथ शिंदे के साथ गए विधायकों के फोन आ रहे हैं, वे दावा कर रहे हैं कि उन्हें जबरन ले जाया गया।'
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