महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार के सामने आए सियासी संकट से कैसे निपटा जाए इसके लिए कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना लगातार मंथन में जुटे हुए हैं। एनडीटीवी के मुताबिक, कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को यह सुझाव दिया है कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बना दिया जाए। ऐसे में हो सकता है कि महा विकास आघाडी सरकार इस सियासी संकट से बच जाए।
उधर, बुधवार देर रात को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकारी आवास वर्षा छोड़ दिया और वह मातोश्री में चले गए।
इससे पहले उन्होंने एक भावुक संदेश भी दिया जिसमें कहा कि अगर उनके अपने लोग उन्हें मुख्यमंत्री के पद पर नहीं देखना चाहते हैं तो उन्हें उनके सामने आकर यह कहना चाहिए और वह इस्तीफ़ा देने के लिए तैयार हैं।
इस मौक़े पर मातोश्री में शिवसैनिकों का जबरदस्त जमावड़ा लगा रहा।
राज्यपाल को भेजा पत्र
बागी नेता एकनाथ शिंदे ने 34 विधायकों के समर्थन वाला एक पत्र राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भेजा है। इस पत्र में विधायकों की ओर से कहा गया है कि एकनाथ शिंदे ही उनके नेता हैं। 34 में से 30 विधायक शिवसेना के हैं जबकि चार विधायक निर्दलीय हैं। बागी विधायकों का कहना है कि एकनाथ शिंदे अभी भी शिवसेना के विधायक दल के नेता हैं।
बता दें कि शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना ने कार्रवाई करते हुए उन्हें विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया था। राज्यपाल को भेजे गए पत्र में विधायकों ने कहा है कि पार्टी ने अपनी विचारधारा और सिद्धांतों से समझौता कर लिया है और इससे पार्टी के कार्यकर्ता नाराज हैं।
इसके अलावा शिवसेना के कार्यकर्ताओं में एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाए जाने को लेकर भी नाराजगी है क्योंकि इनकी विचारधारा पूरी तरह शिवसेना के विपरीत है।
शिंदे ने बुधवार को ट्वीट कर शिवसेना के कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन को अप्राकृतिक बताया था और इससे बाहर निकलना जरूरी बताया था।
दो और विधायक पहुंचे
बुधवार रात को दो और विधायक एकनाथ शिंदे के बागी कैंप में शामिल हो गए हैं। इन विधायकों के नाम मंगेश कुडालकर और सदा सरवनकर हैं।
पार्टी में हुई इस टूट पर शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि इतिहास इस बात को याद रखेगा कि कायर लोग शिवसेना को छोड़कर भाग गए।
शिवसेना के विधानसभा में 55 विधायक हैं। बागी विधायकों को दल बदल कानून से बचने के लिए 37 विधायकों को तोड़ना होगा और इस लिहाज से अब उन्हें पांच से छह विधायकों की और जरूरत है।
देखना होगा कि इस जबरदस्त सियासी संकट से सरकार और शिवसेना को बचाने के लिए क्या उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाएंगे। ऐसा होने पर यह हो सकता है कि महा विकास आघाडी और शिवसेना के सामने आया यह सियासी संकट खत्म हो जाए।
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