शिवसेना में एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के गुटों के बीच चल रही तकरार तेज हो गई है। शुक्रवार को एक बार फिर उद्धव ठाकरे गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें उन्होंने एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया था।
एकनाथ शिंदे ने 30 जून को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
ठाकरे गुट की याचिका में विधानसभा स्पीकर के चुनाव और फ्लोर टेस्ट कराए जाने को भी चुनौती दी गई है। बता दें कि स्पीकर के चुनाव और फ्लोर टेस्ट में महा विकास आघाडी को हार और बीजेपी-शिंदे गुट को जीत मिली थी।
ठाकरे गुट की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि फ्लोर टेस्ट कराया जाना पूरी तरह गैरकानूनी था क्योंकि इसमें वे 16 विधायक भी शामिल थे जो अयोग्यता के नोटिस का सामना कर रहे हैं। बता दें कि पिछली विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि झिरवल ने शिवसेना से बगावत करने वाले 16 विधायकों को अयोग्यता का नोटिस दिया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 11 जुलाई को सुनवाई होनी है।
28 जून को जब बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले थे तो उसके कुछ ही घंटों बाद एकनाथ शिंदे सरकार से विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहा गया था। बीजेपी ने राज्यपाल से कहा था कि क्योंकि शिवसेना के कई विधायक महा विकास आघाडी सरकार से नाराज हैं इसलिए यह सरकार अल्पमत में आ गई है।
कमजोर पड़ रहा ठाकरे गुट
दूसरी ओर, उद्धव ठाकरे का गुट लगातार कमजोर पड़ता जा रहा है। ठाणे नगर निगम के 67 में से 66 पार्षदों के शिंदे गुट के साथ आने के बाद नवी मुंबई के 32 शिवसेना पार्षद गुरुवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिले और उन्हें अपना समर्थन दिया। सभी पार्षदों ने कहा कि एकनाथ शिंदे हमेशा से उनके साथ खड़े रहे हैं।
देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट ठाकरे गुट की तमाम याचिकाओं पर क्या फैसला देता है।
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