शिवसेना ने आदित्य ठाकरे के बजाय एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुनकर क्या मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा छोड़ दिया है? यह सवाल पार्टी के विधायक दल की बैठक में शिंदे के चयन के बाद उभरकर आना लाजिमी ही था। क्योंकि बैठक से पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि आदित्य ठाकरे को यह पद मिल सकता है। लेकिन शिवसेना का कहना है कि विधायक दल के नेता और मुख्यमंत्री पद में कोई संबंध नहीं है।
महाराष्ट्र: क्या शिवसेना ने सीएम की कुर्सी पर दावा छोड़ा?
- महाराष्ट्र
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- 31 Nov, 2019
2014 में बीजेपी ने शोर-शराबे के बीच बहुमत सिद्ध करने की घोषणा करा ली थी। तो क्या शिवसेना इस बार बीजेपी की ऐसी ही किसी चाल से बचने की रणनीति तैयार कर रही है।

शिवसेना ने यह भी कहा है कि बीजेपी के साथ गठबंधन में मुख्यमंत्री पद के कार्यकाल के बंटवारे का सवाल अभी भी मजबूती से कायम है। उल्लेखनीय है कि साल 2014 में भी जब बीजेपी और शिवसेना में गठबंधन को लेकर इसी तरह की रार चल रही थी तब भी शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को विधानसभा में विरोधी पक्ष के नेता के रूप में चुना था। शिंदे कुछ दिन तक उस पद पर बने भी रहे और जब दोनों पार्टियों में गठबंधन का पेच सुलझ गया तो शिंदे को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया। उस समय बीजेपी ने बिना बहुमत के विधानसभा के पटल पर विश्वास प्रस्ताव रखा था और उसे एनसीपी का समर्थन हासिल है, यह घोषणा करते हुए शोर-शराबे के बीच बहुमत सिद्ध करने की घोषणा करा ली थी। तो क्या शिवसेना इस बार बीजेपी की ऐसी ही किसी चाल से बचने के लिए इस तरह की रणनीति अख्तियार नहीं कर रही है।