महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के द्वारा ठाकरे सरकार को फ्लोर टेस्ट का आदेश देने के बाद महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज हो गई है। शिवसेना की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है और बुधवार को ही इस पर सुनवाई होगी। बता दें कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने ठाकरे सरकार से कहा है कि वह 30 जून को शाम 5 बजे तक महाराष्ट्र की विधानसभा में बहुमत साबित करें।
शिवसेना की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने दायर याचिका में कहा है कि राज्यपाल के द्वारा कल ही फ्लोर टेस्ट के लिए कहा जाना पूरी तरह गैर कानूनी है।
शिवसेना के नेता सुनील प्रभु ने भी राज्यपाल के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि अभी 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। सुनील प्रभु ने कहा है कि जब तक इस मामले में फैसला नहीं हो जाता तब तक फ्लोर टेस्ट नहीं कराया जा सकता।
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और अन्य बागी विधायकों की बगावत के बाद शुरू हुए सियासी तूफान के बाद अब नजरें सुप्रीम कोर्ट पर हैं कि वह फ्लोर टेस्ट को लेकर क्या फैसला देता है।
उधर, शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना कानून के मुताबिक नहीं है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता का मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है और 11 जुलाई तक इस बारे में कोई फैसला नहीं हो सकता। इसके बीच अगर कोई इस तरह की गतिविधि होती है तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आप हमारे पास आइए।
संजय राउत ने कहा कि ऐसे में राजभवन और बीजेपी एक साथ मिलकर संविधान और विधानसभा की धज्जियां उड़ा रहे हैं तो देश के सर्वोच्च न्यायालय को इसमें दखल देना पड़ेगा।
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