शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत पर महाराष्ट्र के नासिक में एफ़आईआर दर्ज की गई है। कथित तौर पर राउत के बयान से पुलिस और जनता के बीच दरार पैदा करने का आरोप लगाया है। मुक़दमा दर्ज होने के एक दिन बाद आज यानी सोमवार को संजय राउत ने प्रतिक्रिया में कहा है कि उन्होंने तो सिर्फ़ यह कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद यह सरकार गैरकानूनी है और ऐसे में अधिकारी सोच-समझकर सरकार के आदेश का पालन करें।
उन्होंने पूछा है कि मेरा अपराध क्या है? राउत ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार के गठन को अवैध घोषित कर दिया गया है। व्हिप से लेकर खेमे के नेता के रूप में शिंदे के चुनाव तक, सब कुछ संविधान के खिलाफ तय किया गया है। किसी भी समय सोलह विधायकों के अयोग्य होने की संभावना है। प्रशासन अवैध सरकार के आदेशों का पालन न करे।..."
नाशिक पोलिसांनी माझ्या विरोधात भा. द. वि. कलम 505(1) अंतर्गत गुन्हा दाखल केला आहे. गुन्हा दाखल करण्यासाठी पोलिसांवर मुख्यमंत्री व गृहमंत्री महोदयांचा दबाव होता. माझा गुन्हा काय? सुप्रीम कोर्टाच्या निकालनंतर सरकारचे "गठन"बेकायदेशीर ठरले आहे . व्हिप पासून शिंदे यांना गटनेते पदी… pic.twitter.com/I3jqIT8BuH
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) May 15, 2023
बता दें कि दो दिन पहले संजय राउत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि 'यह सरकार अवैध है, उनके आदेशों का पालन न करें।' संजय राउत के इस बयान को लेकर नासिक के मुंबई नाका पुलिस स्टेशन में धारा 505 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस ने कहा, 'मुंबई नाका पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 505 (1) (बी) के तहत उद्धव गुट के नेता और सांसद संजय राउत के खिलाफ अपने बयान से पुलिस और जनता के बीच कलह पैदा करने का मामला दर्ज किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल शिवसेना में विद्रोह पर पिछले हफ़्ते फ़ैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि तत्कालीन महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का फ्लोर टेस्ट के लिए बुलाने का फैसला कानून के अनुसार सही नहीं था। इसने यह भी कहा कि शिंदे का भरत गोगावाले को शिवसेना का मुख्य सचेतक नियुक्त करने का निर्णय अवैध था, केवल स्पीकर और राजनीतिक दल द्वारा चुने गए नेता ही व्हिप जारी कर सकते हैं।
हालाँकि इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में बहाल नहीं किया जा सकता है क्योंकि उन्होंने फ्लोर टेस्ट का सामना किए बिना स्वेच्छा से पद से इस्तीफा दे दिया था।
दो दिन पहले अपने बयान में राउत ने यह भी कहा था कि मौजूदा एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार अगले तीन महीने में गिर जाएगी। अहमदनगर हिंसा के सवाल पर संजय राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था बिल्कुल ख़राब हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि 'गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस जिम्मेदारी को संभाल नहीं पा रहे हैं। अहमदनगर-अकोला की हिंसा पर तो गृहमंत्री जी से सवाल पूछना चाहिए।' राउत ने कहा कि फडणवीस को राजनीति करने से फुर्सत नहीं मिल रही है कि वह राज्य की कानून व्यवस्था पर ध्यान दें।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली हार के बाद राउत ने कहा कि कर्नाटक के चुनाव परिणाम से भाजपा डरी हुई है इसलिए वह अब कहीं भी चुनाव नहीं कराना चाहेंगे। उन्होंने कहा, 'यदि चुनाव होगा तो उसे वह टालेंगे लेकिन अगर उनमें हिम्मत है तो महाराष्ट्र में बैलेट पेपर से चुनाव करवा कर दिखाएँ। विधानसभा चुनाव नहीं करवा सकते तो निकाय चुनाव ही करा कर दिखा दें।'
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