महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस द्वारा जारी की गई रिकॉर्डिंग को लेकर शरद पवार ने बीजेपी पर हमला किया है। उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार को गिराने में विफल रही बीजेपी निराशा में अब रिकॉर्डिंग जैसे कारनामे कर रही है। उन्होंने राज्य सरकार के कार्यालय में 125 घंटे की रिकॉर्डिंग पर हैरानी जताई। पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के मामले को लेकर पवार ने कहा कि क्या किसी एक शख्स के मामले में 90 छापे मारे जा सकते हैं।
एनसीपी प्रमुख पवार ने कहा कि ये सब कारनामे केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर उद्धव ठाकरे सरकार को गिराने के लिए किए जा रहे हैं। इसको लेकर शरद पवार ने ट्विटर पर एक थ्रेड में कई ट्वीट किए हैं।
.१२५ तासांचे रेकॉर्डिंग मिळवणे ही कौतुकास्पद बाब आहे. मात्र त्या रेकॉर्डिंगची सत्यता आधी तपासली गेली पाहिजे. त्याची चौकशी राज्य सरकार नक्की करेल. रेकॉर्डिंगमध्ये प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्षरीत्या माझंही नाव घेतलं गेल्याचं दिसत आहे. मात्र मला यासंदर्भात कुणाशी बोलण्याचं काही कारण नाही.
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) March 9, 2022
उनका यह ट्वीट तब आया जब मंगलवार को फडणवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के सामने वीडियो रिकॉर्डिंग पेश की थी। उसमें दावा किया गया था कि टेप में इस बात का सबूत है कि महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार के नेता राज्य के बीजेपी नेताओं को झूठे मामलों में फँसाने की कोशिश कर रहे हैं।
जवाब में पवार ने दावा किया कि बीजेपी झूठे आरोप लगा रही है क्योंकि वह एमवीए सरकार को अस्थिर करने में सफल नहीं हो रही है।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कहा कि विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस द्वारा मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा में जारी की गई वीडियो रिकॉर्डिंग एक तरह से दिखाती है कि रिकॉर्डिंग को अंजाम देने में केंद्रीय एजेंसियां शामिल थीं।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'मैंने सुना है कि रिकॉर्डिंग 125 घंटे की है। अगर यह सच है तो आपको इस कारनामे को अंजाम देने के लिए शक्तिशाली एजेंसियों के समर्थन की आवश्यकता होगी। ऐसी एजेंसियाँ केवल केंद्र सरकार के पास उपलब्ध हैं। वे राज्य सरकार के एक कार्यालय में घुसने और घंटों तक गुप्त रिकॉर्डिंग करने में कामयाब रहे। मुझे विश्वास है कि राज्य सरकार घटना की जाँच करेगी और टेप की सत्यता की भी जांच करेगी।'
पवार ने यह भी कहा कि केंद्रीय एजेंसियों ने अनिल देशमुख, उनके परिवार और सहयोगियों पर कम से कम 90 बार छापेमारी की है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार पवार ने कहा, 'मुझे जानकारी है कि अनिल देशमुख, उनके परिवार, रिश्तेदारों, निजी सचिव और चार्टर्ड अकाउंटेंट पर कम से कम 90 बार छापे मारे गए हैं। उस मामले में 200 से ज़्यादा लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने 50 छापे मारे हैं, केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने 20 छापे मारे हैं और आयकर विभाग ने 20 छापे मारे हैं। एक व्यक्ति से जुड़े एक मामले में कुल 90 छापेमारी की जा चुकी है। मैंने एक प्रशासक के रूप में अपने अनुभव में ऐसा पहले कभी नहीं सुना। ये छापे इस बात के प्रतीक हैं कि कैसे केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तरह से केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करना संसदीय लोकतंत्र में एक शर्मनाक प्रथा है।'
विशेषत: महाराष्ट्र आणि पश्चिम बंगाल या दोन राज्यांमध्ये ही संख्या अधिक आहे. सत्तेचा गैरवापर करून तपास यंत्रणांद्वारे चौकशी करण्याचे सगळ्यात मोठे उदाहरण हे अनिल देशमुख यांचे आहे. एकाच व्यक्तीच्या घरावर तब्बल ९० छापे टाकण्याचा प्रकार मी तरी पहिल्यांदाच पाहिला.
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) March 9, 2022
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