शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने गुरुवार को अपना घोषणापत्र जारी किया। इसमें इसने आरक्षण को 50 फीसदी की सीमा के पार कराने का वादा किया है। इसके साथ ही इसने सीएए, एनआरसी और यूएपीए जैसे क़ानूनों में बदलाव और अग्निपथ योजना को ख़त्म करने का वादा किया है।
शरद पवार की पार्टी ने अपने घोषणापत्र को 'शपथनामा' नाम से जारी किया। शरद पवार की उपस्थिति में इसको जारी किया गया। घोषणापत्र में जाति जनगणना, किसान कल्याण आयोग, प्रशिक्षुता अधिकार की बात कही गई है। पार्टी महिलाओं के लिए सुरक्षा ऑडिट करने और उनके संबंध में साइबर कानूनों को बढ़ाने का समर्थन करती है।
घोषणापत्रा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) जाति जनगणना का समर्थन करती है और किसानों के कल्याण के लिए एक अलग आयोग स्थापित करने का वादा करती है। यह प्रशिक्षुता के अधिकार की भी वकालत करती है और नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव करती है। पार्टी जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए समर्थन जताती है और 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की अवधारणा का विरोध करती है।
पार्टी ने वैसे क़ानूनों में संशोधन की बात की है जिन्हें संवैधानिक सिद्धांतों का 'विरोधी' माना जाता है। ऐसे क़ानूनों में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम यानी सीएए, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए और अन्य कानून शामिल हैं।
एनसीपी (शरतचंद्र पवार) कांग्रेस द्वारा अपने घोषणापत्र में उल्लिखित पांच 'न्याय' गारंटी को समर्थन देती है। ये गारंटी किसानों, युवाओं, महिलाओं, मजदूरों और जाति जनगणना से संबंधित चिंताओं का समाधान करती हैं। पाटिल ने कहा कि अगर पार्टी केंद्र में सत्ता में आती है, तो उसका लक्ष्य जीएसटी को मानवीय बनाना है।
उन्होंने कहा, 'एलपीजी सिलेंडर की कीमतें 500 रुपये पर रहेंगी और ज़रूरत पड़ने पर सरकार इस पर सब्सिडी दे सकती है। पेट्रोल और डीजल करों का पुनर्गठन किया जाएगा।'
जब उनसे कृषि क्षेत्र में पवार के योगदान के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया, 'मैं उन लोगों की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता, जिनके पास इस क्षेत्र का बिल्कुल भी ज्ञान नहीं है। उन्हें पहले बोलना चाहिए कि उनकी सरकार ने पिछले दस वर्षों में क्या किया है।' घोषणापत्र में रणनीतिक वैश्विक कूटनीति, विदेश नीति, विश्व मंच पर भारत की भूमिका आदि का भी ज़िक्र किया गया है।
इसने घोषणापत्र में कहा, 'हम न्यायिक सुधारों, न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने और न्यायपालिका के भीतर समावेशी प्रतिनिधित्व को भी प्राथमिकता देते हैं।'
पाटिल ने कहा कि घोषणापत्र 'सर्व-समावेशी' विकास पर जोर देता है। उन्होंने यह भी कहा कि घोषणापत्र किफायती स्वास्थ्य और शिक्षा, पर्यावरण, कला और संस्कृति पर पार्टी के विचारों को भी व्यक्त करता है।
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