पिछले साल महाराष्ट्र में जब शिव सेना ने बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाकर सरकार बनाई थी, तब यह सवाल उठा था कि क्या यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर पाएगी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विधान परिषद सदस्य चुने जाने का मसला हो या फिर सुशांत सिंह प्रकरण, हर जगह ऐसा लगा कि बीजेपी की पूरी कोशिश राज्य की महा विकास अघाडी सरकार को अस्थिर करने की है और वह इस सरकार की विदाई चाहती है और ऐसे आरोप खुलकर शिव सेना ने भी लगाए।
पवार, उद्धव को इनकम टैक्स का नोटिस क्या ठाकरे सरकार को अस्थिर करने की कोशिश है?
- महाराष्ट्र
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- 5 Mar, 2021

सवाल तो यहां खड़ा होता ही है कि शरद पवार, उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और सुप्रिया सुले जैसे दिग्गज नेताओं को धड़ाधड़ नोटिस पकड़ाए जाने का क्या मतलब है। क्या चारों के मामलों को इनकम टैक्स ने एक ही साथ देख लिया है। फिर सत्तापक्ष के ही चार नेताओं के पुराने हलफ़नामों की जांच क्यों हुई, यह बीजेपी के लोगों की भी हो सकती थी, इसलिए शक पैदा होता है।
इन आरोपों को बल तब मिला जब महाराष्ट्र बीजेपी के बड़े नेता नारायण राणे इस साल मई में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।