दो साल पहले हुआ भीमा कोरेगाँव हिंसा क्या तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस सरकार का षडयंत्र था? महाराष्ट्र के एक प्रमुख समाचार पत्र ने शरद पवार द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिए गए एक पत्र के हवाले से इस पर ख़बर छापी है। अख़बार के अनुसार, पत्र में पवार ने लिखा है कि पुलिस अधिकारियों को आगे कर इस घटना की एक कहानी गढ़ी गयी है। इस दंगे के मुख्य सूत्रधारों को छुपाने के लिए यह किया गया तथा इसमें प्रगतिशील विचारधारा व बुद्धिजीवी लोगों का संबंध माओवादियों से जोड़कर उन्हें हिरासत में लिया गया।
भीमा कोरेगाँव फडणवीस सरकार का षड्यंत्र, शरद पवार का आरोप!
- महाराष्ट्र
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- 24 Jan, 2020

दो साल पहले हुआ भीमा कोरेगाँव हिंसा क्या तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस सरकार का षडयंत्र था? महाराष्ट्र के एक प्रमुख समाचार पत्र ने शरद पवार द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिए गए एक पत्र के हवाले से इस पर ख़बर छापी है।
भीमा कोरेगाँव के इस प्रकरण के बाद मीडिया में 'अर्बन नक्सल' की अवधारणा बनी और घंटों उस पर बहसें हुई हैं। जेएनयू में जिस तरह से ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ का इस्तेमाल किया गया उसी तरह से 'अर्बन नक्सल' शब्द का इस्तेमाल कर सोशल मीडिया और टीवी चैनल की बहसों में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं या बुद्धिजीवियों को निशाना बनाने का ट्रेंड शुरू हुआ। शरद पवार के इस पत्र का खुलासा उस समय हुआ है जब कल यानी 23 जनवरी 2020 को प्रदेश के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस संबंध में पुणे पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों व महाराष्ट्र पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से विशेष बैठक कर इस प्रकरण की समीक्षा की। उस बैठक के बाद कोई आधिकारिक घोषणा तो नहीं की गयी लेकिन यह संकेत दिए गए कि अग्रिम निर्णय से पहले शीघ्र ही प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से इस बारे में एक और बैठक बुलाकर चर्चा की जाएगी।