क्या देश में केंद्र-राज्य संबंधों के टकराव का एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है? महाराष्ट्र में भीमा कोरेगाँव प्रकरण की जांच के मामले में कुछ ऐसा ही लग रहा है। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद जब एनसीपी प्रमुख शरद पवार के एक पत्र के बाद गृह मंत्री ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक बुलाकर इस मामले की समीक्षा करनी शुरू की तो केंद्र सरकार द्वारा इस जांच को केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का निर्णय ले लिया गया। इसे केंद्र के राज्य सरकार के साथ टकराव के रूप में देखा जा रहा है।
भीमा कोरेगाँव केस की जांच एनआईए को, महाराष्ट्र-केंद्र में बढ़ेगा टकराव!
- महाराष्ट्र
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- 25 Jan, 2020
केंद्र सरकार ने भीमा कोरेगाँव प्रकरण की जांच एनआईए को सौंप दी है। इसे केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच टकराव के रूप में देखा जा रहा है।

अपने पत्र में शरद पवार ने आरोप लगाए थे कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भीमा कोरेगाँव का षड्यंत्र पुलिस अधिकारियों को दबाव में डालकर करवाया था। पवार ने यह भी कहा था कि भीमा कोरेगाँव प्रकरण से 'अर्बन नक्सल' जैसे शब्द की उत्पति की गयी और सामाजिक तथा मानवाधिकार के लिए कार्य करने वाले कुछ कार्यकर्ताओं का माओवादी संगठनों से संबंध बताकर उन्हें गिरफ्तार किया गया। शरद पवार के इस आरोप के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गयी थी।