एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के धर्म को लेकर फिर से विवाद खड़ा हो गया है। एनसीपी के नेता और कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने वानखेड़े का स्कूल में दाख़िला लेने और इसे छोड़ने का सर्टिफ़िकेट जारी किया है। इसमें वानखेड़े के धर्म के आगे मुसलिम लिखा गया है। इससे पहले वानखेड़े के जन्म प्रमाण पत्र को लेकर खासा विवाद हुआ था।
जिस स्कूल का ये सर्टिफ़िकेट है, उसका नाम सेंट पॉल्स हाई स्कूल है और यह बॉम्बे के दादर में है। इसमें एनसीबी अफ़सर का नाम समीर दाऊद वानखेड़े लिखा गया है। स्कूल में दाख़िला लेने की तारीख़ 13 जून, 1985 लिखी गई है जबकि छोड़ने की तारीख़ 19 जून, 1986 है।
नवाब मलिक का कहना है कि मुसलिम होने के बावजूद वानखेड़े ने फर्जीवाड़ा कर दलित कोटे से सरकारी नौकरी हासिल की।
.@nawabmalikncp released school joining and leaving certificates of #SameerDawoodWakhende
— Sanjay Jog (@SanjayJog7) November 18, 2021
.@fpjindia pic.twitter.com/jraD2hZyiU
जारी किया था निकाहनामा
नवाब मलिक ने कुछ दिन पहले एक निकाहनामा ट्वीट किया था और कहा था कि यह समीर दाऊद वानखेड़े और शबाना क़ुरैशी का निकाहनामा है और यह एनसीबी अफ़सर की पहली शादी थी।
शबाना क़ुरैशी के पिता डॉ. ज़ाहिद क़ुरैशी ने भी कहा था कि समीर का पूरा परिवार इसलामिक नियमों को मानता था और शादी इसलामिक रीति-रिवाज़ से सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में हुई थी।
बर्थ सर्टिफिकेट किया था जारी
नवाब मलिक ने बीते महीने बर्थ सर्टिफिकेट ट्विटर पर पोस्ट कर दावा किया था कि वानखेड़े ने नौकरी हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया था।
इसमें समीर वानखेड़े के पिता का नाम दाऊद के. वानखेड़े लिखा गया था। जबकि समीर वानखेड़े के पिता का नाम ज्ञानदेव वानखेड़े है और एनसीबी की वेबसाइट पर समीर वानखेड़े का आधिकारिक नाम समीर ज्ञानदेव वानखेड़े है। वानखेड़े ने इसका जवाब देते हुए कहा था कि उनकी मां मुसलिम थीं और मलिक उनकी मां और उनके धर्म को बीच में घसीट रहे हैं।
नवाब मलिक आर्यन ख़ान क्रूज ड्रग्स मामले को भी पूरी तरह फर्जी बता चुके हैं। जबकि वानखेड़े मलिक द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को ग़लत बताते रहे हैं। लेकिन अब यह मामला बेहद पेचीदा हो गया है और लगता है कि वानखेड़े बचकर नहीं निकल पाएंगे।
अपनी राय बतायें