संयुक्त राष्ट्रसंघ में पाकिस्तान कोई मौका नहीं छोड़ता है। वह हर मौके पर कश्मीर का सवाल उठाए बिना नहीं रहता। चाहे महासभा हो, चाहे सुरक्षा परिषद या मानव अधिकार परिषद! पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष ने अत्यंत आपत्तिजनक बात कह डाली और कल पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने सुरक्षा परिषद में भारत पर हमला बोल दिया।
कश्मीर पर बात करें भारत और पाकिस्तान
- विचार
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- 18 Nov, 2021

पाकिस्तान को पता है कि वह हजार साल भी रोता-चिल्लाता रहे तो भी कश्मीर पर उसका कब्जा नहीं हो सकता। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान का भला इसी में है कि वह कश्मीर पर भारत से सीधी बात शुरु करे। यह मामला दोनों कश्मीरों का है।
उसने कश्मीर का मसला उठाते हुए वहां हुए आंतरिक परिवर्तनों का विरोध किया। धारा 370 और 35 ए के खत्म होने से कश्मीरियों की अन्य भारतीयों जैसी जीवन-शैली बन जाएगी, इस पर पाकिस्तान ने कोई ध्यान नहीं दिया।
पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने यह नहीं बताया कि कश्मीर के आंतरिक परिवर्तनों से पाकिस्तान का क्या नुकसान हुआ? पाकिस्तान के लिए तो भारतीय कश्मीर पहले भी एक सपना था और अब भी एक सपना है। लेकिन बार-बार कश्मीर का रोना रोते देखकर कई विदेशी भी प्रभावित हो जाते हैं।