एंटीलिया विस्फ़ोटक कार मामले में गिरफ़्तार किए गए मुंबई पुलिस के पूर्व अफ़सर सचिन वाज़े को एनआईए गुरुवार रात को रेती बंदर खाड़ी मुंब्रा लेकर पहुंची। इसी खाड़ी से 5 मार्च को मनसुख हिरेन की लाश मिली थी। एनआईए के सूत्रों का कहना है मनसुख की हत्या करके लाश इसी खाड़ी में फेंकी गई थी।
एनआईए ने घटना का रिक्रिएशन किया और पता लगाने की कोशिश की आखिरकार मनसुख को कैसे मौत के घाट उतारा गया था।
एनआईए सूत्रों ने इस बात को भी कन्फर्म किया है कि मनसुख की हत्या से पहले उसे शराब पिलाई गयी थी और बेहोश करने के लिए क्लोरोफॉर्म का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद मनसुख के मुंह में चार पांच रुमाल ठूंस दिए थे जिससे दम घुटने से मनसुख की मौत हो गयी।
सीसीटीवी फुटेज मिली
सचिन वाजे और मनसुख हिरेन के संबंधों पर एक और खुलासा हुआ है। मनसुख हिरेन की एक और सीसीटीवी फुटेज आयी है जिसमें वह वाजे के साथ दिखे हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के पास लगे एक सीसीटीवी में दिखा है कि 17 फरवरी को वाजे सड़क पार करके बीच सड़क पर खड़ी काले रंग की वॉल्वो में जाकर बैठा था।
एनआईए सूत्रों का कहना है इस वॉल्वो कार को सचिन वाजे ही चला रहा था। इसके बाद ये वॉल्वो कार जीपीओ की ओर जाती हुई दिखाई दी थी। वॉल्वो कार में बैठे वाजे और मनसुख सीसीटीवी में कैद हुए थे और बाद में वॉल्वो को एटीएस ने दमन से ज़ब्त किया था। एनआईए वाजे की 2 मर्सिडीज, एक लैंड क्रूज़र, एक इनोवा और स्कॉर्पियो कार की फ़ॉरेंसिक जांच करा रही है।
एनआईए सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि बहुत जल्द सचिन वाजे का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। इसके लिए सचिन वाजे का ब्लड सैंपल ले लिया गया है। पहले तो वाजे ने ब्लड सैंपल देने में आनाकानी की थी लेकिन एनआईए द्वारा सख़्ती दिखाने के बाद उसने ब्लड सैंपल दे दिया।
मास्टरमाइंड है वाजे
अंबानी की बिल्डिंग के बाहर विस्फ़ोटक से भरी मिली स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की मर्डर मिस्ट्री को महाराष्ट्र एटीएस ने सुलझाने का दावा किया था। एटीएस ने एनआईए को केस ट्रांसफर करने से पहले खुलासा किया था कि मनसुख मर्डर मिस्ट्री का मास्टरमाइंड निलंबित और गिरफ्तार एपीआई सचिन वाजे ही है। उसने सुपरकॉप बनने के चक्कर में जिलेटिन रखने और बाद में जांच में फंसने से बचने के लिए मनसुख की हत्या करने की साजिश रची थी।
सूत्रों के अनुसार, मनसुख को पहले क्लोरोफॉर्म सुंघाकर बेहोश किया गया, फिर गाड़ी में ही उसके मुंह में रुमाल ठूंसने के बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी गई थी। फिर उसकी लाश को ठाणे की रेती बंदर खाड़ी में फेंक दिया था।
हालांकि एनआईए ने मनसुख मर्डर मामले की जांच अभी शुरू नहीं की है लेकिन मनसुख और वाजे की कॉल डिटेल से यह जानकारी सामने आई है कि वाजे पिछले कई दिनों से मनसुख से अलग-अलग फोन नंबर से बात कर रहा था।
महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर देखिए संजय राउत से बातचीत-
हत्या के वक़्त मौजूद था वाजे
4 मार्च को वाजे ने अपने पर्सनल मोबाइल को जानबूझकर अपने सीआईयू के दफ़्तर में ही छोड़ दिया था ताकि उसकी लोकेशन क्राइम ब्रांच के दफ़्तर में ही दिखे। लेकिन जिन नंबरों से मनसुख और वाजे की बात हो रही थी, उन नंबरों की लोकेशन 4 मार्च को मुंब्रा की खाड़ी के पास ही मिली है। इससे ये साफ होता है कि मनसुख की हत्या के समय वाजे वहीं मौजूद था।
एनआईए बहुत जल्द सचिन वाजे और महाराष्ट्र एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए निलंबित पुलिस कॉन्स्टेबल विनायक शिंदे को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करना चाहती है। जिससे यह साफ हो पाएगा कि आखिरकार मनसुख हत्याकांड को अंजाम क्यों दिया गया था।
एटीएस ने इस मामले में एक बुकी को भी गिरफ़्तार किया था, इसलिए एनआईए उससे भी पूछताछ कर यह पता लगाना चाहती है कि आखिरकार इस हत्याकांड से बुकी का क्या कनेक्शन है। एटीएस दो दिन पहले ही मनसुख हिरेन हत्याकांड केस को एनआईए को सौंप चुकी है।
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