मुकेश अंबानी एंटीलिया विस्फोटक और मनसुख हिरेन हत्याकांड मामले की जाँच कर रही एनआईए ने गुरुवार को स्पेशल कोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया। एनआईए ने अदालत को बताया कि गिरफ़्तार एपीआई सचिन वाज़े के घर से उन्हें जाँच में 62 जिंदा कारतूस मिले हैं। यह कारतूस वाज़े ने घर में क्यों रखे थे, इसका खुलासा वाजे ने अभी तक नहीं किया है। आख़िर इतने सारे कारतूस घर में रखने की पीछे की वजह क्या थी, इसी का जवाब एनआईए वाज़े से पूछताछ में पता लगाने की कोशिश में है। अदालत ने वाज़े को 3 अप्रैल तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया है।
एनआईए ने अदालत में खुलासा किया कि सचिन वाजे को बतौर मुंबई पुलिस अधिकारी सरकारी कोटे से भी 30 जिंदा कारतूस मिले हुए थे। हालांकि इनमें से सिर्फ पाँच कारतूस ही सचिन वाजे के पास मिले हैं।
सचिन वाजे के 25 कारतूस गायब हैं। ये कारतूस कहाँ गए? इनका क्या इस्तेमाल हुआ? इस बारे में लगातार पूछताछ के बाद भी सचिन वाजे ने एनआईए अधिकारियों को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया है।
क्या कहा एनआईए ने?
एनआईए ने अदालत में सचिन वाज़े की कस्टडी और बढ़ाने की माँग की थी। एनआईए ने अदालत को सचिन वाज़े से हुई पूछताछ के बाद मिले सुबूतों के आधार पर कई अहम सुबूत भी दिए। एनआईए ने अदालत को बताया कि वाज़े ने अभी तक एंटीलिया के बाहर विस्फ़ोटक क्यों रखा और इसके पीछे मास्टरमाइंड कौन है, इस बारे में खुलासा नहीं किया है।
एनआईए ने अदालत से यह भी कहा कि मनसुख हत्या मामले में गिरफ्तार दोनों अभियुक्तों को सचिन वाज़े के साथ आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करनी है। एनआईए ने कोर्ट को यह भी बताया कि वाज़े लगातार अपना बयान बदल रहा है। वाज़े को यह पता है कि सुबूतों को कैसे छिपाना है यही कारण है कि वे पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
एनआईए ने अदालत को यह भी बताया कि साजिश में इस्तेमाल की गई 5 गाड़ियों का सैंपल लिया गया है, जिसकी डीएनए प्रोफाइलिंग की जा रही है।
डीवीआर गायब
इसके अलावा वाज़े ने अपने घर की सोसाइटी में लगे सीसीटीवी का डीवीआर गायब कर दिया था, जिसकी खोजबीन जारी है। इसके अलावा पाँच सितारा होटल में रूम बुक करने के लिए जिस व्यापारी ने 12 लाख रुपए दिए थे, उसे वाजे के साथ बैठाकर पूछताछ करनी है।
वहीं अभियुक्त सचिन वाजे के वकील ने अदालत में दलील दी है कि एनआईए यह साबित करे कि इस मामले में यूएपीए कैसे लग सकता है। उन्होंने कहा जिलेटिन की छड़ें बिना डेटोनेटर के बम नहीं बना सकती हैं, इसलिए इस मामले में यूएपीए क़ानून के तहत कार्रवाई करना जायज नहीं है।
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वाज़े की कुबूली
वाज़े के वकील ने अदालत में साथ ही यह दलील भी दी कि वाज़े ने अपना जुर्म कुबूल नहीं किया है। खुद वाज़े ने अदालत को बताया कि 'मुझे बलि का बकरा बनाया गया है। मेरा इस केस से कोई लेना देना नहीं है। मैं तो इस केस की जांच कर रहा था। मैंने इस केस की ज्यादा जाँच नहीं की। मुझे 13 मार्च को जब एनआईए ने पूछताछ के लिए बुलाया तो मुझे गिरफ़्तार कर लिया गया।'
इसके बाद वाज़े ने अदालत में कहा उन्हें कुछ बातें अदालत को बतानी हैं तो जज ने कहा आप अपने वकील से पूछकर अपनी बात रख सकते हैं। वकील से बात करने के बाद तय हुआ की सचिन वाज़े लिखित में अपनी बातें कोर्ट को सौंपेगा।
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