मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने सीक्रेट रिपोर्ट लीक करने के मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ़ मामला दर्ज किया है। कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र में ऑफ़िशियल सीक्रेट रिपोर्ट लीक हुई थी जिसमें ट्रांसफर पोस्टिंग रैकेट का मामला सामने आया था। एक पत्र में दावा किया गया है कि ‘पूर्व इंटेलिजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने ग़लत तरीक़े से फ़ोन टैपिंग के लिए माफ़ी मांगी है’। फ़ोन टैपिंग के मामलों का सीक्रेट रिपोर्ट में ज़िक्र था।
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पूरे मामले को जोर-शोर से उठाया था। ‘सत्य हिंदी’ ने इस रिपोर्ट से जुड़े हुए कुछ पुलिस अधिकारियों का खुलासा किया था, जिन्होंने दलालों के ज़रिये महाराष्ट्र के बड़े-बड़े नेताओं से ट्रांसफर पोस्टिंग के बारे में मुलाक़ात की थी।
महाराष्ट्र की राजनीति में उस समय बवाल मच गया था जब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूर्व इंटेलिजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला द्वारा पिछले साल अगस्त से अक्टूबर के बीच खुफिया जानकारी के आधार पर कुछ दलालों के फ़ोन नंबर सर्विलांस पर रखकर टेप किए थे। रश्मि शुक्ला द्वारा टेप किए गए नंबरों से खुलासा हुआ था कि महाराष्ट्र के लगभग दो दर्जन से ज़्यादा पुलिस अधिकारियों ने ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए दलालों से संपर्क किया था, और ये दलाल महाराष्ट्र के कई बड़े नेताओं से संपर्क में थे। बाद में इस रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ था कि कुछ पुलिस अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग इस रिपोर्ट के अनुसार ही हुए थे। इतना ही नहीं, रश्मि शुक्ला ने टॉप सीक्रेट रिपोर्ट महाराष्ट्र के डीजीपी को सौंपी थी और डीजीपी ने महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह को रिपोर्ट सौंपी थी।
जैसे ही यह सीक्रेट रिपोर्ट सार्वजनिक हुई वैसे ही महाराष्ट्र सरकार ने इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने पर आपत्ति जताई। महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार ने आनन-फानन में कैबिनेट की मीटिंग बुलाई और उसमें फ़ैसला लिया गया कि जिस तरह से पूर्व इंटेलिजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने बगैर सरकार की इजाजत के मंत्रियों, विधायकों और पुलिस अफसरों के फ़ोन टेप किए उसे निजता का हनन माना गया। सरकार ने टेप कांड के मामले की जाँच के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया।
महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने आनन-फानन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक रिपोर्ट भेजी जिसमें पूर्व इंटेलिजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला द्वारा मंत्रियों, विधायकों के फोन बगैर इजाज़त टेप किये जाने को बड़ा अपराध बताया।
कुंटे ने मुख्यमंत्री को भेजी अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि रश्मि शुक्ला ने इंडिया टेलीग्राम एक्ट के तहत फ़ोन टेप करने की इजाजत सरकार से मांगी थी लेकिन इंडिया टेलीग्राम एक्ट के तहत सिर्फ़ देश विरोधी गतिविधियों के दौरान ही फोन कॉल टेप किए जा सकते हैं। ऐसे में रश्मि शुक्ला ने फोन टेप करके गुनाह किया है, और निजता का हनन किया है।
‘सत्य हिंदी’ के पास सीताराम कुंटे द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजी गई वह रिपोर्ट है जिसमें रश्मि शुक्ला ने अपनी ग़लती मानी है। बिना इजाजत फ़ोन टेप करने के मामले में कुंटे ने मुख्यमंत्री को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि रश्मि शुक्ला ने सीक्रेट रिपोर्ट लीक होने के बाद मुझसे और गृह मंत्री अनिल देशमुख से मुलाक़ात की और बगैर इजाज़त प्राइवेट लोगों के फोन टेप करने के लिए अपनी ग़लती के लिए माफ़ी मांगी है।
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कुंटे ने मुख्यमंत्री को भेजी इस रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि रश्मि शुक्ला को महिला होने के नाते व उनकी पारिवारिक समस्या के चलते अपनी ग़लती मान ली है इसलिए सरकार उनके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई करने से पहले सोच विचार करे। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही रश्मि शुक्ला का केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तबादला भी हो गया है।
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