महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच जारी सियासी तनातनी में अब उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे की एंट्री हो गई है। रश्मि ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे में हल्ला बोल शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत रश्मि ने एकनाथ शिंदे के राजनीतिक गुरु आनंद दिघे नवरात्रि उत्सव से की है। रश्मि ठाकरे ने शिवसेना के समर्थकों के साथ दिवंगत आनंद दिघे नवरात्रि उत्सव में देवी की प्रतिमा पर फूल अर्पण किए। इसके बाद नवरात्रि उत्सव में मां जगदंबा की आरती की।
इससे शिंदे और ठाकरे गुट में टकराव बढ़ने की संभावना प्रबल हो गयी है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच शिवसेना पर कब्जे को लेकर वर्चस्व की लड़ाई जारी है। दोनों ही नेता एक दूसरे पर पिछले काफी समय से कटाक्ष कर रहे हैं और अब रश्मि ठाकरे ने भी मोर्चा संभाल लिया है।
रश्मि ठाकरे ने शिवसेना के दिवंगत नेता आनंद दिघे को श्रद्धांजलि दी और उसके बाद ठाणे के टैंभी नाका में नवरात्रि महोत्सव में देवी के दर्शन किये। दरअसल, इसी जगह पर आनंद दिघे नवरात्रि उत्सव का आयोजन किया करते थे।
रश्मि ठाकरे के आनंद दिघे के स्मृति स्थल पर पहुंचने को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के वोट बैंक में सेंध लगाने के रूप में देखा जा रहा है।
टैंभी नाका पर नवरात्रि उत्सव की शुरुआत शिवसेना के नेता आनंद दिघे ने की थी। साल 2000 में जब आनंद दिघे की मौत हो गई थी उसके बाद ठाणे में चल रहे सभी उत्सवों और राजनीतिक कार्यक्रमों की कमान एकनाथ शिंदे ने अपने हाथ में ले ली थी। मुख्यमंत्री शिंदे नवरात्रि के पहले दिन यहां पहुंचे थे। बताया जाता है कि एकनाथ शिंदे का पूरा परिवार इस नवरात्रि उत्सव में सेवा करने के लिए आता है।
इस बारे में जब शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि देवी सभी की हैं इसलिए कोई भी दर्शन करने के लिए कहीं भी जा सकता है। प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इस तरह के धार्मिक मामलों पर हम राजनीति नहीं करते हैं।
हालांकि एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता किरण पावसकर का कहना है कि यह सही बात है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी दुर्गा पंडाल में जाकर देवी के दर्शन कर सकता है लेकिन रश्मि ठाकरे मुंबई छोड़कर ठाणे में ही पहुंचीं, इसका जवाब महाराष्ट्र की जनता जानना चाहती है। पावसकर ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मिलकर महाराष्ट्र को नई गति देने में व्यस्त हैं। इसलिए इस तरह के मुद्दों पर हम समय खराब नहीं करना चाहते।
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