उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे खेमे में तलवारें खिंची हैं। बीजेपी शिंदे खेमे के साथ है। राज ठाकरे भी हाल में बीजेपी के ही ज़्यादा क़रीब दिखते हैं और उद्धव ठाकरे से उनकी प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है। ऐसे में राज ठाकरे आख़िर उद्धव ठाकरे खेमे की प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए बीजेपी को ख़त क्यों लिख रहे हैं?
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक अप्रत्याशित अनुरोध के साथ पत्र लिखा है। उस पत्र में उन्होंने बीजेपी से आग्रह किया है कि ऋतुजा लटके के ख़िलाफ़ कोई प्रत्याशी ही नहीं उतारें।
After the death of MLA Ramesh Latke, his widow has filed for candidature in the Andheri east by-poll. I request you to not fight any candidate against her. This will be an honourable tribute to the departed soul.@Dev_Fadnavis pic.twitter.com/OE8CDZkQsX
— Raj Thackeray (@RajThackeray) October 16, 2022
राज ठाकरे ने लिखा है कि बीजेपी को अंधेरी (पूर्व) उपचुनाव में उम्मीदवार नहीं खड़ा करना चाहिए, ऐसा इसलिए कि ऋतुजा लटके अपने दिवंगत पति रमेश लटके के स्थान पर चुनाव लड़ रही हैं। रमेश लटके का इस साल की शुरुआत में निधन हो गया था। इस निर्वाचन क्षेत्र से वह विधायक थे। उनके निधन के बाद ही अब उपचुनाव हो रहा है।
राज ठाकरे ने कहा है, 'मुझे लगता है कि ऐसा करके हम लोगों के दिवंगत प्रतिनिधि को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।' उन्होंने आगे लिखा है, 'ऐसा करना हमारे महाराष्ट्र की महान संस्कृति के अनुरूप भी है। मुझे उम्मीद है कि आप मेरे अनुरोध को स्वीकार करेंगे।'
एनटीडीवी की रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी प्रत्याशी मुर्जी पटेल ने कहा है कि अगर पार्टी ने उनसे कहा तो वह दौड़ से हटने को तैयार हैं। हालाँकि बीजेपी की ओर से पत्र का कोई जवाब नहीं आया है।
बता दें कि अंधेरी ईस्ट विधानसभा उपचुनाव को लेकर उद्धव ठाकरे गुट और शिंदे गुट-बीजेपी आमने-सामने हैं। ऋतुजा लटके ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी से नामांकन दाखिल कर दिया है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी शिंदे ग्रुप की तरफ़ से मुर्जी पटेल ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए नामांकन दाखिल किया। ऐसा माना जा रहा है कि अंधेरी का उपचुनाव बीजेपी शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट की अहम की लड़ाई हो गया है।
महाराष्ट्र में जब से शिंदे-फडणवीस सरकार आई है तभी से उद्धव ठाकरे गुट के साथ सनातनी बनी हुई है। शिंदे सरकार ने जहाँ पहले शिवसेना की शिवाजी पार्क की दशहरा रैली को लेकर राजनीति की थी उसके बाद अब अंधेरी विधानसभा उपचुनाव में भी वही राजनीति एक बार फिर देखने को मिली।
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