राजीव गाँधी जब 1989 में चुनाव हार गए थे तो उसके बाद एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि उनकी नज़र में उनके कार्यकाल की दो सबसे बड़ी ग़लतियां क्या थीं। राजीव गाँधी ने जो जवाब दिया वह अप्रत्याशित था। राजीव ने कहा कि पहली गलती शरद पवार की पार्टी कांग्रेस (एस) का कांग्रेस में विलय करना और दूसरी जम्मू-कश्मीर में फ़ारुक़ अब्दुल्ला के साथ सरकार बनाना। राजीव गाँधी ने दोनों बातों का स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि कांग्रेस और कांग्रेस (एस) महाराष्ट्र की सबसे बड़ी राजनैतिक ताक़तें थीं। जब दोनों मिल गईं तो विपक्ष की जगह ख़ाली हो गई और इस शून्य को भरने के क्रम में बीजेपी और शिवसेना मज़बूत हो गईं जो तब तक महाराष्ट्र में हाशिये की ताक़तें थीं।
राहुल की सभा में क्यों नहीं आए निरुपम-देवड़ा?
- महाराष्ट्र
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- 15 Oct, 2019

दो लोकसभा चुनाव में हार से पस्त कांग्रेस के नेता संभलने के बजाय गुटबाज़ी में उलझे हुए हैं। महाराष्ट्र में तो हालात बेहद ख़राब हैं।
इसी तरह जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ़्रेंस के मिल जाने से विपक्ष ही नहीं रहा और और इस ख़ाली जगह को उग्र अलगाववादियों ने हथिया लिया। लेकिन राजीव गाँधी की इस सीख से कांग्रेस के नेताओं ने कुछ सीखा हो, यह नज़र नहीं आता?