प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर मामले ने मंगलवार को नया मोड़ ले लिया है। पूजा खेडकर ने पुणे के जिला कलेक्टर सुहास दिवसे के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया है। दिवासे ने महाराष्ट्र सरकार को उनके कथित तौर पर सत्ता के दुरुपयोग की शिकायत की थी, जिसके कारण उनका तबादला वाशिम कर दिया गया। इस घटना के बाद ही उनकी विकलांगता के दावे पर सवाल खड़े होने लगे और वह लगातार विवादों में फँसती चली गईं।
पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने पुणे जिला कलेक्टर के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि खेडकर ने कल अपने घर पर पुलिस को बुलाया था ताकि कुछ मामलों पर जानकारी साझा की जा सके। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने रात 11 बजे से लेकर रात 1 बजे तक तीन महिला पुलिसकर्मियों से बात की थी।
खेडकर को पिछले सप्ताह पुणे से वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया था, ताकि वे अतिरिक्त सहायक कलेक्टर के पद पर काम कर सकें। इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि मामले की जाँच के सिलसिले में पुलिस सोमवार रात पूजा खेडकर के घर गई थी।
मुख्य सचिव को लिखे पत्र में दिवासे ने खेडकर की मांगों को चिन्हित किया था। महाराष्ट्र कैडर की 2023 बैच की आईएएस अधिकारी कलेक्टर कार्यालय से विशेष सुविधाएं मांग रही थीं, जो किसी प्रोबेशन अधिकारी को नहीं मिलतीं।
जिला कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद खेडकर को उनके प्रशिक्षण को पूरा करने के लिए वाशिम जिले में स्थानांतरित कर दिया गया। सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों के कारण सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए उनके द्वारा कथित रूप से विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने के बारे में जानकारी आई।
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए), मसूरी ने एक पत्र में कहा कि उसने पूजा दिलीप खेडकर के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को रोकने का फैसला किया है और आगे की ज़रूरी कार्रवाई के लिए तत्काल वापस बुलाने का आदेश जारी किया है। महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन गद्रे द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी ने उन्हें वापस बुला लिया है, जिसके बाद खेडकर को उनके जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से मुक्त कर दिया गया है।
हालांकि, पूजा खेडकर ने कहा कि वह समिति के समक्ष अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों का जवाब देंगी। खेड़कर ने कहा, 'यह एक मीडिया ट्रायल है और लोग इसे देख रहे हैं। सच्चाई आखिरकार सामने आएगी। भारतीय संविधान के अनुसार, किसी व्यक्ति को तब तक दोषी नहीं माना जा सकता जब तक कि उस पर लगे आरोप साबित न हो जाएं।' उनके पिता दिलीप खेडकर ने भी उनका बचाव किया और उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन किया।
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