कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच महाराष्ट्र में आज से सभी तरह की सार्वजनिक सभाओं पर पाबंदी लगा दी गई है। इसमें राजनीतिक से लेकर धार्मिक सभाएँ सभी शामिल हैं। इसके अलावा रेस्तराँ, गार्डन, मॉल कल से यानी रविवार से रात आठ बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक बंद रहेंगे। लोगों को अब समुद्र के किनारे बीच पर रात के आठ बजे से सुबह सात बजे तक जाने पर पाबंदी रहेगी। रविवार से ही राज्य में रात का कर्फ्यू लगेगा। पाँच से ज़्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो पाएँगे। इसका उल्लंघन करने पर प्रति व्यक्ति 1000 रुपये का जुर्माना लगेगा।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक दिन पहले ही शुक्रवार को रात के कर्फ्यू लगाए जाने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया था कि इस संबंध में जल्द दिशा-निर्देश जारी किया जाएगा।
सरकार ने आज जो आदेश जारी किया है उसमें कहा गया है, 'गार्डन और बीच सहित सभी सार्वजनिक स्थल इस दौरान बंद रहेंगे और उल्लंघन करने पर प्रति व्यक्ति 1,000 का जुर्माना लगाया जाएगा। फेस मास्क नहीं पहनने पर 500 जुर्माना लगेगा जबकि सार्वजनिक जगहों पर थूकने के लिए 1,000 जुर्माना लगाया जाएगा।'
आदेश में साफ़ तौर पर कहा गया है कि राज्य में कोई भी सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक सभा भी नहीं की जा सकेगी। हालाँकि रात में खाने की डेलीवरी की छूट दी गई है।
बता दें कि यह फ़ैसला तब लिया गया है जब राज्य में कोरोना संक्रमण अनियंत्रित हो गया है। राज्य कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में है और पहली लहर से कहीं ज़्यादा संक्रमण के मामले आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक दिन पहले ही कहा था कि कोई भी अचानक राज्यव्यापी लॉकडाउन नहीं किया जाएगा और यदि ऐसा होगा तो जनता को पहले सूचना दी जाएगी।
उद्धव ठाकरे ने अपने कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा था, 'मैं लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं हूँ, लेकिन बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पड़ने की आशंका है।' एक बयान में कहा गया था कि उन्होंने अधिकारियों से पर्याप्त अस्पताल के बिस्तर और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है।
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केंद्र सरकार ने की उच्चस्तरीय बैठक
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने शनिवार को महाराष्ट्र, हरियाणा, तमिलनाडु, बंगाल, कर्नाटक, पंजाब और दिल्ली सहित 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इसमें कोरोना मामलों में बढ़ोतरी पर चर्चा की गई।
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को बताया कि ज़्यादा प्रभावित 46 ज़िलों की पहचान की गई है। उन सभी को 'कड़े नियंत्रण और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों' पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी गई है।
बैठक में पाँच-स्तरीय रणनीति बनाई गई। इसमें शामिल हैं- 'जाँच में प्रभावी वृद्धि, प्रभावी आइसोलेशन और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में फिर से ऊर्जा भरना, कोरोना प्रोटोकॉल का जनता द्वारा पालन कराना सुनिश्चित करना और टीकाकरण के लिए स्पष्ट दृष्टिकोण'।
बता दें कि देश में कोरोना संक्रमण काफ़ी तेज़ी से फैल रहा है और इसे दूसरी लहर बताया जा रहा है। बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 62,336 मामले सामने आए हैं जो पिछले साल 17 अक्टूबर के बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा है। एक दिन में 289 लोगों की मौत हुई है और यह 30 दिसंबर के बाद सबसे ज़्यादा है। भारत में अब तक कुल 1,19,08,373 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं जबकि 1,61,275 लोगों की मौत हो चुकी है।
बीते 24 घंटों में एक्टिव मामलों में भी जबरदस्त उछाल आया और इनमें एक ही दिन में 32 हज़ार मामले बढ़ गए और कुल आंकड़ा 4.5 लाख से ज़्यादा हो गया। कोरोना संक्रमण के मामलों का यह आंकड़ा अचानक 40 से 50 और फिर 60 हज़ार तक पहुंच गया है। कई राज्यों में कोरोना के कई नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं और इसके बाद से ही सरकार के साथ ही आम लोग भी परेशान हैं।
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