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महाराष्ट्र: 4 साल की बच्चियों से यौन उत्पीड़न पर रेलवे ट्रैक पर उतरी भीड़

महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर में एक सफाई कर्मचारी द्वारा चार वर्षीय दो स्कूली बच्चों के साथ कथित यौन उत्पीड़न पर मंगलवार को बड़ा विरोध-प्रदर्शन हुआ है। पुलिस कार्रवाई में देरी को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। इससे सेंट्रल लाइन पर मुंबई लोकल ट्रेन सेवाएँ पूरी तरह से ठप हो गईं। सोशल मीडिया पर आए वीडियो में प्रदर्शनकारियों को रेलवे पटरियों के पार भागते हुए पुलिस पर पथराव करते हुए देखा जा सकता है।

महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले में लड़कियों के शौचालय में सफाई कर्मचारी द्वारा कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया। जिस विद्यालय में लड़कियां पढ़ती थीं, वहां भी प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की। पुलिस में मामला दर्ज किया गया और सफाई कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अदालत ने आरोपी अक्षय शिंदे को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। पीड़िता के माता-पिता ने कहा कि सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में बहुत देरी की। यौन उत्पीड़न 13 अगस्त को हुआ था, पुलिस ने मामला 16 अगस्त को दर्ज किया। उनके द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, माता-पिता को एफआईआर दर्ज करने की अनुमति देने से पहले कथित तौर पर 11 घंटे तक इंतजार करना पड़ा।

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इस घटना के कारण बदलापुर में विरोध प्रदर्शन हुआ। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने बदलापुर रेलवे स्टेशन पर लोकल ट्रेन को रोक दिया। छह घंटे से ज़्यादा समय तक ट्रेनें रुकी रहीं। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. स्वप्निल नीला ने कहा कि बदलापुर रेलवे स्टेशन पर सुबह 10.10 बजे से 'रेल रोको' विरोध प्रदर्शन ने मुंबई लोकल ट्रेन सेवाओं को प्रभावित किया, और तत्काल फिर से शुरू होने के कोई संकेत नहीं हैं।

रिपोर्ट के अनुसार मध्य रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि दोनों दिशाओं में ट्रेन परिचालन पूरी तरह से रोक दिया गया था और दस एक्सप्रेस ट्रेनों को कर्जत-पनवेल-ठाणे मार्ग से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) की ओर मोड़ दिया गया था। बदलापुर से कर्जत की सेवाएं निलंबित रहीं, जबकि सीएसएमटी और अंबरनाथ के बीच लोकल ट्रेनें सामान्य रूप से चल रही थीं।

विरोध प्रदर्शन के तहत बदलापुर क्षेत्र में दुकानें और अन्य प्रतिष्ठान मंगलवार को बंद रहे। जिस स्कूल में कथित यौन उत्पीड़न हुआ था, उसे भी जबरन बंद कराया गया। स्थानीय राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ समर्थक भी प्रदर्शन में शामिल हुए।
पुलिस ने घटना वाले स्कूल के बाहर पथराव करने के आरोप में प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। इस बीच स्कूल प्रशासन ने प्रिंसिपल, क्लास टीचर और बच्चों को लाने-ले जाने के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।

अपनी लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का पता चलने के बाद गुस्साए माता-पिता कुछ स्थानीय लोगों के साथ पुलिस थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। आरोप है कि पुलिस ने कथित तौर पर पोक्सो का मामला होने के बावजूद केस दर्ज करने में देरी की। इसके बाद वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर शुभदा शिटोले का तुरंत तबादला कर दिया गया।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मामले की तेजी से जांच करने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया जा चुका है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शीर्ष पुलिस अधिकारी आरती सिंह के नेतृत्व में एक एसआईटी के गठन का आदेश दिया है, जो घटना की जांच करेगी।

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यह हमला 12-13 अगस्त को हुआ, जब लड़कियां शौचालय का उपयोग करने गई थीं। यह घटना तब प्रकाश में आई, जब दोनों लड़कियों ने स्कूल जाने से इनकार कर दिया, क्योंकि वे अपने साथ हुई घटना के बाद डरी हुई थीं। जब माता-पिता ने उनसे उनके व्यवहार के पीछे का कारण पूछा, तो उन्होंने स्कूल में हुए यौन उत्पीड़न के बारे में बताया। लड़कियों के माता-पिता ने शुक्रवार रात शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

जाँच के दौरान स्कूल प्रशासन ने पुलिस को बताया कि घटना वाले दिन सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे। एएनआई से बात करते हुए महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा, 'हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मौजूदा सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया जाए। हम आज एक सर्कुलर जारी कर रहे हैं कि प्रत्येक स्कूल में सीसीटीवी चालू होने चाहिए। हम स्कूलों में भी विशाखा समिति के आधार पर एक समिति गठित करेंगे। हम इस मामले की तेजी से जांच करेंगे और आरोपियों को सख्त सजा देंगे। स्कूल के प्रिंसिपल, क्लास टीचर और 2 सहायकों को निलंबित कर दिया गया है। स्कूल को भी नोटिस भेजा गया है।'

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क़मर वहीद नक़वी
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