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आपत्तिजनक बयान पर विवेक अग्निहोत्री के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत

भोपालियों को लेकर विवादित बयान देने पर 'द कश्मीर फाइल्स' के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा था कि भोपालियों को अक्सर समलैंगिक माना जाता है।

मुंबई के वर्सोवा पुलिस स्टेशन में 27 वर्षीय पीआर मैनेजर रोहित पांडे ने शिकायत दर्ज कराई है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार शिकायतकर्ता मध्य प्रदेश के भोपाल के रहने वाले हैं और उन्होंने इस मामले में तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है।

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विवेक अग्निहोत्री इस महीने की शुरुआत में अपनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' की रिलीज के बाद से सुर्खियों में हैं। विवादों में रहे इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।

इन्हीं वजहों से मीडिया में उनका साक्षात्कार भी काफ़ी आ रहा है। ऐसी बीच उनका एक पुराना साक्षात्कार सुर्खियों में आ गया है। उसमें विवेक अग्निहोत्री भोपालियों को लेकर एक विवादित बयान देते नज़र आते हैं। विवेक अग्निहोत्री के शुक्रवार को भोपाल पहुंचने से पहले उनका वह इंटरव्यू गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

एक न्यूज़ पोर्टल को दिया गया यह इंटरव्यू कोई तीन सप्ताह पुराना बताया जा रहा है। यह इंटरव्यू ‘द कश्मीर फाइल्स’ रिलीज होने के पहले का है। इस इंटरव्यू में विवेक अग्निहोत्री ‘चटखारे लेते हुए’ भोपालियों से जुड़ा अपना ‘अनुभव’ शेयर कर रहे हैं।

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वायरल इंटरव्यू में विवेक अग्निहोत्री कह रहे हैं, ‘मैं तो भोपाल में बड़ा हुआ हूं, लेकिन मैं भोपाली नहीं हूं। क्योंकि, भोपाली का एक अलग कोनोटेशन है। किसी भोपाली से पूछिए। मैं आपको कभी अकेले में समझाऊंगा। लोग बोलेंगे ये भोपाली हैं, उसका मतलब जनरली होता है कि ये होमो सेक्सुअल (समलैंगिक) हैं। नवाबी शौक वाला व्यक्ति है।’

विवेक के बयान से भोपाली खासे ख़फा हैं और उनसे बिना देर किए माफ़ी मांगने की मांग उठ रही है। सोशल मीडिया पर भी उनकी जमकर आलोचना हो रही है। मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस ने विवादास्पद बयानबाजी पर विवेक अग्निहोत्री को आड़े हाथों लेते हुए प्रदर्शन किया। 

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पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा के सदस्य दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट करते हुए गहरी आपत्ति जताई।

दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘विवेक अग्निहोत्री जी यह आपका अपना निजी अनुभव हो सकता है। यह आम भोपाल निवासी का नहीं है। मैं भी भोपाल और भोपालियों के संपर्क में 77 से हूं, लेकिन मेरा तो यह अनुभव कभी नहीं रहा। आप कहीं भी रहें, संगत का असर तो होता ही है।’

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क़मर वहीद नक़वी
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