महाराष्ट्र में सभी विपक्षी दल ईवीएम हटाने को लेकर आंदोलन खड़ा करने में जुटे हैं। 9 अगस्त को मुंबई के ऐतिहासिक ग्वालिया टैंक मैदान से ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ आंदोलन की तर्ज पर ‘ईवीएम भारत छोड़ो’ आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। इन विपक्षी दलों की माँग है कि विधानसभा का चुनाव ईवीएम के बदले बैलेट पेपर से हो। 9 अगस्त को अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर लंबा मार्च निकाला जाएगा। बता दें कि 9 अगस्त का दिन इसलिए चुना गया है क्योंकि 9 अगस्त 1942 को महात्मा गाँधी ने "अंग्रेजों भारत छोड़ो" के नारे के साथ आज़ादी की लड़ाई की शुरुआत की थी। बता दें कि अक्टूबर-नवंबर में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे पहले विपक्षी दलों के ईवीएम के ख़िलाफ़ लामबंद होने से यह एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद से ही ईवीएम को लेकर आवाज़ें उठ रही हैं।
इस आंदोलन को लेकर बुलाई गई प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोरात और एनसीपी के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल की उपस्थिति प्रमुख रूप से थी। बाला साहेब थोरात ने कहा कि हम सब चाहते हैं कि बैलेट पेपर से मतदान हो। थोरात ने कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम को लेकर पूरे देश में चर्चा है कि कुछ तो गड़बड़ है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का काम है कि वह सबकी शंका दूर करे। ऐसे में हम ईवीएम के बजाय फिर से बैलेट पेपर से चुनाव हो, इस माँग का समर्थन करने के लिए इकट्ठा हुए हैं।
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उधर, महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के नेताओं को एकजुट करने में जुटे हैं। राज ठाकरे इस मामले में यूपीए प्रमुख सोनिया गाँधी से भी मुलाक़ात कर चुके हैं। जानकारी के अनुसार, ठाकरे बैलेट नहीं तो चुनाव नहीं यानी ईवीएम के बहिष्कार तक की बात कह रहे हैं।
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वहीं, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के प्रमुख और किसान नेता राजू शेट्टी भी ईवीएम के विरोध में होने जा रहे इस मार्च में हिस्सा लेंगे। यह मार्च मुंबई के आज़ाद मैदान से लेकर चैत्य भूमि के बीच होगा। यात्रा में भाग लेने जा रहे शेट्टी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस यात्रा से ईवीएम के विरोध में और अधिक लोग एवं राजनीतिक दल जुड़ेंगे। किसान नेता शेट्टी ने कहा, “यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह यात्रा लोकसभा चुनाव हारे उम्मीदवारों का विरोध प्रदर्शन ना बन जाए, इसके लिए लोगों की हिस्सेदारी बहुत महत्वपूर्ण है। इसके बाद स्वाभिमानी पक्ष के कार्यकर्ता पूरे महाराष्ट्र की पंचायतों में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर की वापसी के लिए एक संकल्प पास करेंगे।”
शेट्टी ने कहा कि चुनाव के बाद मतदाताओं के बीच यह संदेह पैदा हो गया है कि उनका वोट उनके पसंदीदा उम्मीदवार को नहीं गया है। शेट्टी बोले, “चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि वह चुनाव प्रक्रिया में लोगों का भरोसा बनाए रखे, लेकिन वह ऐसा करने में असफल रहा है।” राजू शेट्टी दो बार लोकसभा सदस्य रह चुके हैं, लेकिन इस बार वह शिवसेना के उम्मीदवार से चुनाव हार गए थे।
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शेट्टी ने लोकसभा चुनाव पर बात करते हुए कहा, “लोकसभा चुनाव में 370 से अधिक सीटों पर ईवीएम में पड़े वोट और उसके बाद हुई उनकी गिनती में अंतर था। मेरे निर्वाचन क्षेत्र में भी 459 वोट का अंतर था। चुनाव आयोग से शिकायत करने के बावजूद मुझे कभी संतोषजनक जवाब नहीं मिला।”
शेट्टी ने पश्चिमी देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि जर्मनी जैसे कई पश्चिमी देशों में ईवीएम से असंतुष्टि के चलते इसके प्रयोग को बंद कर दिया गया है। इस महीने की शुरुआत में दिल्ली से ईवीएम विरोधी राष्ट्रीय जनमंच के बैनर तले सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों ने देशव्यापी आंदोलन की बात कही थी। ये प्रदर्शनकारी ईवीएम भारत छोड़ो, बैलेट पर वापस आओ, लोकतंत्र बचाओ के नारों के साथ ईवीएम का विरोध करने की बात कह रहे हैं।
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