महाराष्ट्र के सियासी अखाड़े में सभी राजनीतिक दल दाँव-पेच का इस्तेमाल कर रहे हैं और कोई भी किसी के सामने झुकने के लिये कोई तैयार नहीं है। विषम राजनीतिक हालात के बीच कोई रास्ता निकालने के लिये मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर संघ मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत के दरबार में तक हाजिरी लगा चुके हैं। लेकिन बीजेपी-शिवसेना के बीच विवाद सुलझ नहीं रहा है। ख़बरों के मुताबिक़, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र में जारी विवाद में संकटमोचक बन सकते हैं। बताया जा रहा है कि गडकरी ने दिल्ली में अपने दिन भर की मीटिंग्स को कैंसिल कर दिया है और वह आज ही महाराष्ट्र जा सकते हैं।
राजनीतिक गलियारों में इस बात की जोरदार चर्चा है कि शिवसेना एक ही स्थिति में बीजेपी के साथ सरकार बनाने के लिए राजी हो सकती है कि जब वह फडणवीस को बदल दे। यानी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कोई दूसरा शख़्स आये और इस दौड़ में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।
चुनाव नतीजे आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस अंदाज में फडणवीस का समर्थन किया था, उसके बाद यही लगा था कि फडणवीस ही मुख्यमंत्री बनेंगे क्योंकि चुनाव में भी उन्हीं को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किया गया था। लेकिन अब जब बात फंस गई है तो यह कहा जा रहा है कि बीजेपी क्या अपनी सरकार को बचाने के लिये फडणवीस के बजाय गडकरी को कमान देगी? ऐसा वह गोवा में कर चुकी है जब बीजेपी की सरकार बनवाने के लिये केंद्र में तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को मंत्री पद छोड़कर गोवा जाना पड़ा था।
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