महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना कोटे से मंत्री अनिल परब की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। एंटिलिया विस्फ़ोटक मामले में गिरफ़्तार सचिन वाजे द्वारा अनिल परब पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने के बाद अब केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अनिल परब के मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी पर कथित तौर पर वसूली का गंभीर आरोप लगाया है।
नितिन गडकरी के आरोपों के बाद महाराष्ट्र में सियासत और तेज़ हो गयी है।
मामला 22 अक्टूबर 2020 का है, जब नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को एक चिट्ठी लिखी थी। गडकरी ने चिट्ठी में महाराष्ट्र में परिवहन मंत्रालय में मौजूद नागपुर डिवीजन में तैनात बजरंग खामाटे नाम के एक आरटीओ पर अवैध वसूली का गंभीर आरोप लगाया।
गडकरी ने चिठ्ठी में लिखा है कि बजरंग महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सीमा पर तीन चेक पोस्ट से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसानों, लोगों और ट्रांसपोर्ट वाहनों को पास कराने के एवज में पैसे मांगा करता था।
चिट्ठी में कहा गया है कि अगर ये लोग बजरंग को पैसे नहीं देते थे तो वह उनपर जुर्माना लगा दिया करता था और उनसे मारपीट भी किया करता था।
इलाके के लोगों ने बजरंग की शिकायत सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से कर दी। इसके बाद गडकरी ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को एक चिट्ठी लिखकर बजरंग पर कार्रवाई करने को कहा।
पुलिस में पैठ
बजरंग की पुलिस में भी तगड़ी पैठ थी, यही कारण था की एंटी करप्शन ब्यूरो की टीमें भी बजरंग पर कार्रवाई करने से बचती थी। गडकरी ने अपनी चिट्ठी में यह भी लिखा है कि बजरंग नागपुर एंटी करप्शन विभाग की टीम को हर महीने पैसे दिया करता था, जिसके चलते एंटी करप्शन विभाग की टीम उस पर कार्रवाई नहीं करती थी।
गडकरी ने अपनी चिट्ठी में यह भी लिखा है कि बजरंग टोल नाकाओं से अवैध तरीके से खनन करने वाली गाड़ियों से पैसे की वसूली भी किया करता था, जिनमें रेत ढोया जाता था।
किरीट सोमैया का आरोप
बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने अनिल परब पर आरोप लगाया है कि यह बजरंग खरमाटे नाम का यह अधिकारी अनिल परब के लिए अवैध वसूली किया करता था।
जब इसकी शिकायत नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को की तो परब ने उसे नागपुर से हटाकर मुंबई में अपने दफ़्तर में बुला लिया। सोमैया ने आरोप लगाया है कि बजरंग मुंबई से ही अवैध वसूली के धंधे को अंजाम दे रहा था।
किरीट सोमैया ने इसकी शिकायत महाराष्ट्र के राज्यपाल और सीबीआई से भी की है। किरीट सोमैया ने सीबीआई को लिखी चिट्ठी में एक और आरोप लगाया है। सोमैया ने अनिल परब पर आरोप लगाया है कि वह परिवहन विभाग के अधिकारियों से ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर 25 लाख रुपए से एक करोड़ रुपए तक वसूला करते थे। सोमैया बहुत जल्द इस मामले में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी मुलाकात करने वाले हैं।
आरोपों से इनकार
उधर मंत्री अनिल परब ने अपने ऊपर लगे आरोपों से पूरी तरह से इनकार किया है। परब ने बजरंग उगाही मामले की जानकारी होने की बात तो क़बूल की है. लेकिन उनके दफ़्तर में बजरंग के ट्रांसफर होने को ग़लत बताया है।
परब ने माना कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र सरकार को एक चिट्ठी लिखकर बजरंग के काले कारनामों के बारे में बताया था। लेकिन इसके बाद गडकरी की चिट्ठी पर कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र परिवहन मंत्रालय ने उन्हें वहां से हटाकर दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया था।
महाराष्ट्र के एक अधिकारी द्वारा इस तरह की उगाही करने के बाद मंत्री अनिल परब की और छीछालेदर हो रही है। इससे पहले सचिन वाजे भी अनिल परब पर एक ट्रस्ट के मामले को सेटल करने के लिए जबरन उगाही करवाने के आरोप लगा चुके हैं।
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