निर्भया फंड के तहत मुंबई पुलिस द्वारा खरीदे गए कई वाहनों के इस्तेमाल को लेकर बवाल मचा है। इन गाड़ियों का उपयोग महिलाओं के खिलाफ अपराधों से लड़ने के लिए किया जाता है और लेकिन इस साल जुलाई से सत्तारूढ़ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के सांसदों और विधायकों के लिए एस्कॉर्ट वाहन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। और इसी की वजह से इस पर बवाल हुआ है। जब मीडिया में इसको लेकर ख़बर आई तो उद्धव ठाकरे खेमे, सपा और एनसीपी जैसे दलों के नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के फ़ैसले की आलोचना की।
'निर्भया फंड महिला सुरक्षा के लिए तो वीआईपी के लिए इस्तेमाल क्यों?'
- महाराष्ट्र
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- 12 Dec, 2022
निर्भया फंड से खरीदी गईं गाड़ियों का इस्तेमाल क्या नेताओं या मंत्रियों या फिर सरकारी अधिकारियों के लिए किया जा सकता है या फिर जाना चाहिए?

निर्भया फंड उस निर्भया कांड के बाद बना था जिसमें 23 साल की निर्भया के साथ कुछ दरिंदों ने दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी थीं। 16 दिसंबर, 2012 को चलती बस में उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। दरिंदों ने जंग लगा लोहे का एक सरिया निर्भया के प्राइवेट पार्ट में डाल दिया और उसे मरने के लिए छोड़ दिया था। आख़िरकार निर्भया ज़िंदगी की जंग हार गई थी। लेकिन जिस तरह की हैवानियत दरिंदों ने उसके साथ की थी उसने पूरे देश को झकझोर दिया था। जोर-शोर से महिला सुरक्षा का मुद्दा उठा था।