मुकेश अंबानी एंटीलिया विस्फोटक कार मामले में गिरफ़्तार सचिन वाजे द्वारा इस्तेमाल की गई आठ गाड़ियों को एनआईए ने अपने कब्ज़े में ले लिया है। कब्ज़े में ली गईं सभी गाड़ियों के मालिक और उनके पते एनआईए ने आरटीओ की मदद से पता कर लिए हैं। ज़्यादातर गाड़ियों के मालिकों का अभी तक कोई पता नहीं चला है। आरटीओ की जाँच में पता चला है कि जितनी भी गाड़ियाँ वाजे के पास से बरामद की गई हैं वो गाड़ियाँ उनके पुराने मालिकों ने कुछ समय पहले बेच दी थीं। कुछ दिन पहले जब एनआईए ने वाजे की निशानदेही पर मीठी नदी से उसके द्वारा फेंके गए सामान निकाले थे तो उसमें से सर्च के दौरान एनआईए को एक गाड़ी की नंबर प्लेट मिली थी। और इसी नंबर प्लेट ने सचिन वाजे की एक और साज़िश का पर्दाफाश कर दिया।
एनआईए ने जब इस नंबर प्लेट की जाँच आरटीओ की मदद से की तो पता चला कि यह इको कार का नंबर है और औरंगाबाद के आरटीओ में रजिस्टर्ड है। एनआईए ने जब और छानबीन की तो पता चला यह इको कार नवंबर 2020 में औरंगाबाद से चोरी हुई थी जिसके बाद पुलिस ने आसपास के इलाक़ों में इस कार की तलाश भी की लेकिन नहीं मिली।
एनआईए ने जब इस इको कार के बारे में सचिन वाजे से पूछताछ की तो वाजे का जबाब सुनकर एनआईए के अधिकारियों के होश उड़ गए। दरअसल, इस इको कार को एक फर्जी एनकाउंटर के मक़सद से चुराया गया था। इस कार को चोरी करने के बाद इसका इस्तेमाल सचिन वाजे कर रहा था। दूसरी गाड़ियों की तरह सचिन वाजे ने इस ईको कार की भी नंबर प्लेट बदल दी थी और दूसरी फर्जी नंबर प्लेट लगाकर इसका इस्तेमाल कर रहा था।
एनआईए सूत्रों का दावा है कि छह नवंबर 2020 को इको कार चोरी हुई थी उसके बाद इसका इस्तेमाल सचिन वाजे कर रहा था। वाजे ने एनआईए को पूछताछ में बताया है कि वह इसी इको कार में दो लोगों का एनकाउंटर करके वाहवाही लूटना चाहता था।
वाजे की साज़िश थी कि पहले इस कार में दो लोगों का एनकाउंटर करता और फिर उसके बाद एंटीलिया विस्फोटक कांड को हल करने का नाटक करता। महाराष्ट्र गृह मंत्रालय ने एंटीलिया कांड की जाँच मुंबई क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट को सौंप भी दी। लेकिन विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस द्वारा मुद्दे को लगातार उठाने के बाद केंद्र सरकार ने इस मामले की जाँच एनआईए से कराने का फ़ैसला किया। और यहीं से सचिन वाजे की साज़िश फेल हो गई।
एनआईए सूत्रों का कहना है कि सचिन वाजे को जिन दो लोगों का एनकाउंटर करना था उसमें से एक शख्स मुंबई का रहने वाला है जबकि दूसरा दिल्ली का है। एनआईए ने सुरक्षा की दृष्टि से इन दोनों व्यक्तियों की पहचान सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया है। हालाँकि एनआईए ने इको कार, जिसका नंबर MH20FP1539 है, के मालिक को ढूंढ निकाला है। यह कार औरंगाबाद के विजय नाड़े की है जो जालना में समाज कल्याण विभाग में क्लर्क के रूप में कार्य कर रहे हैं।
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