मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक सामग्री लदी हुई स्कॉर्पियो कार मिलने के मामले में एनआईए ने पुलिस अधिकारी रहे सचिन वजे को शनिवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। गिरफ़्तारी से पहले एजेंसी ने वाजे से 12 घंटे से ज़्यादा पूछताछ की।
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी यानी एनआईए के सामने पेश होने से पहले वाजे ने वॉट्सएप पर एक स्टेटस शेयर कर खलबली मचा दी थी। इसमें उन्होंने अपने साथी अफ़सरों द्वारा उन्हें इस केस में फंसाए जाने का आरोप लगाया था और स्टेटस में लिखा था कि अब दुनिया से विदा लेने का समय नजदीक आ रहा है। मुंबई क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के पूर्व हेड वाजे ने स्टेटस में लिखा कि मार्च 2004 में सीआईडी के उनके साथियों ने उन्हें झूठे केस में फंसाया था और अब 17 साल बाद भी उनके साथी उन्हें झूठे केस में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।
वाजे के ख़िलाफ़ आपराधिक साज़िश के लिए धारा 120 (बी); विस्फोटक पदार्थ के संबंध में लापरवाह आचरण के लिए धारा 286; जालसाजी के लिए धारा 465; आपराधिक धमकी के लिए 506 (2) और नकली मुहर बनाने या रखने के लिए धारा 473 के तहत केस दर्ज किया गया है।
बता दें कि इस मामले में कोर्ट से भी वाजे को झटका लग चुका है। मनसुख की पत्नी द्वारा सचिन वाजे पर लगाए गए हत्या के आरोप के बाद सचिन ने गिरफ्तारी से बचने के लिए ठाणे की सत्र न्यायालय में शुक्रवार को अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी जिस पर अदालत ने वाजे को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया।
इसके साथ ही अदालत ने अगली सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी को भी हाजिर रहने का आदेश दिया। इस दौरान कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि अगर जांच एजेंसी चाहे तो सचिन वाजे को गिरफ्तार कर सकती है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 19 मार्च को होगी।
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मनसुख हिरेन की हत्या का आरोप
सचिन वाजे उस समय मुश्किलों में घिर गए थे जब मनसुख हिरेन की पत्नी ने सचिन वाजे पर अपने पति की हत्या का आरोप लगाया था। मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक सामग्री वाली कार मिलने के कुछ दिन बाद ही मनसुख हिरेन का शव पाया गया था। तब रिपोर्ट आई थी कि वह कार कार मनसुख की थी। मनसुख की पत्नी ने कहा था कि उनके पति आत्महत्या नहीं कर सकते उनकी किसी साजिश के तहत हत्या की गई है। इसके बाद मनसुख की पत्नी ने महाराष्ट्र एटीएस में एफ़आईआर दर्ज कराई थी और सीधा आरोप सचिन वाजे पर लगाया था कि उनके पति की हत्या के पीछे सचिन वाजे का ही हाथ है।
मनसुख की पत्नी के आरोप के बाद ही मुंबई पुलिस ने सचिन वाजे का मुंबई क्राइम ब्रांच से स्पेशल ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया था।
एटीएस की पूछताछ
मनसुख हिरेन की मौत मामले में महाराष्ट्र एटीएस ने सचिन वाजे से पूछताछ की थी। पूछताछ में सचिन वाजे ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया था। एटीएस ने सचिन वाजे से पूछा था कि वे मनसुख हिरेन को कैसे जानते थे तो जवाब में वाजे ने कहा था कि वह मनसुख की ऑटो मोबाइल की दुकान पर कई बार उससे मिल चुके थे, इसलिए वह काफी समय से मनसुख को जानते थे।
इस मामले में कुल तीन केस दर्ज हुए हैं और तीनों केस एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। पहला मामला स्कॉर्पियो कार से विस्फोटक मिलने का है। दूसरा केस स्कॉर्पियो की चोरी का है और तीसरा केस स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या का है। हालाँकि एनआईए सिर्फ़ स्कॉर्पियो कार में मिले विस्फोटक मामले की जाँच कर रही है।
महाराष्ट्र एटीएस स्कॉर्पियो कार की चोरी और कार के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या की जाँच कर रही है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि महाराष्ट्र एटीएस और एनआईए में इस केस को लेकर तनातनी हो सकती है।
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