महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड को एक मराठी फ़िल्म की स्क्रीनिंग रोकने के कुछ दिनों बाद आज गिरफ्तार किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा है कि उनके नौ समर्थकों को भी गिरफ्तार किया गया है। उनकी यह गिरफ़्तारी इसलिए की गई है कि मराठी फ़िल्म में शिवाजी के चित्रण को लेकर फ़िल्म की स्क्रीनिंग रुकवा दी गई थी और कथित तौर पर दर्शकों की पिटाई की गई थी।
यह घटना सोमवार की रात की है जब शरद पवार की पार्टी के नेता आव्हाड और उनके समर्थकों ने ठाणे शहर के मल्टीप्लेक्स में कथित रूप से प्रवेश किया था। उन्होंने कथित तौर पर 'इतिहास के साथ छेड़छाड़' को लेकर 'हर हर महादेव' फिल्म की स्क्रीनिंग को बाधित कर दिया।
घटना के वीडियो फुटेज में दिखा था कि शो को जबरन रोकने का विरोध करने पर कुछ फ़िल्म निर्माताओं को भी पीटा गया।
ठाणे शहर के मुंब्रा-कलवा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक आव्हाड ने ट्वीट किया कि उन्हें दोपहर में वर्तक नगर पुलिस थाने में बुलाया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
मी पोलीस स्टेशनला गेलो असताना त्यांनी मला गप्पांमध्ये गुंतवून ठेवलं. त्यानंतर डीसीपी राठोड हे पोलीस स्टेशनला आले. त्यांच्या डोळ्यांत आणि चेह-यावरती अस्वस्थपणा दिसत होता. हतबलता दिसत होती. ते आदराने म्हणाले कि, मी काही करु शकत नाही. वरुन आदेश आले आहेत. तुम्हांला अटक करावी लागेल.
— Dr.Jitendra Awhad (@Awhadspeaks) November 11, 2022
बता दें कि पिछले दिनों मराठी फ़िल्म हर-हर महादेव को लेकर मुंबई में एनसीपी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए थे। एनसीपी के विधायक और महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने सोमवार रात को ठाणे के एक मॉल में चल रही हर-हर महादेव फ़िल्म की स्क्रीनिंग को रुकवा दिया था। इस दौरान एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने दर्शकों के साथ धक्का-मुक्की भी की थी।
फ़िल्म की स्क्रीनिंग के दौरान जितेंद्र आव्हाड वहाँ पहुँचे और उन्होंने लोगों को थिएटर से बाहर जाने के लिए कहा। इस दौरान वहाँ बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी भी पहुँच गए और घटनाक्रम के वीडियो सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर चलने लगे।
इसके बाद महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि उनकी पार्टी अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करती है लेकिन निर्माताओं को फिल्मों में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एनसीपी छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास के तथ्यों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं करेगी।
जितेंद्र आव्हाड के जाने के बाद एमएनएस के तमाम नेता ठाणे के इस थिएटर में पहुंच गए थे और फिल्म को दोबारा शुरू करवा दिया था। मनसे के नेताओं ने कहा कि अगर एनसीपी को इस फिल्म पर कोई एतराज है तो उसे अदालत में जाना चाहिए।
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