मुंबई हाई कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक की याचिका को खारिज कर दिया। मलिक ने याचिका में राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के लिए उन्हें छुट्टी दिए जाने की मांग की थी।
मलिक ने अपनी याचिका में कहा था कि या तो उन्हें मुचलके पर हिरासत से रिहा कर दिया जाए या फिर पुलिस एस्कॉर्ट के साथ भेजकर विधानसभा में वोटिंग करने की अनुमति दी जाए।
महाराष्ट्र में राज्यसभा की जिन 6 सीटों पर चुनाव है उनमें बीजेपी की ओर से पीयूष गोयल, अनिल बोंडे, धनंजय महाडिक मैदान में हैं जबकि शिवसेना की ओर से संजय राउत और संजय पवार चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस की ओर से इमरान प्रतापगढ़ी और एनसीपी की ओर से प्रफुल पटेल चुनाव मैदान में हैं।
बीजेपी महाराष्ट्र में राज्यसभा की 2 सीट जीत सकती है लेकिन उसने तीसरा उम्मीदवार खड़ा कर दिया जिससे 22 साल बाद महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव में वोटिंग करानी पड़ी।
हाई कोर्ट में जस्टिस पीडी नायक की एकल बेंच ने कहा कि नवाब मलिक ने अपनी याचिका में जमानत शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है और जेल से रिहा करने की मांग की है। लेकिन उन्हें इस मामले में उचित अदालत के सामने अपील करनी चाहिए।
बता दें कि मुंबई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को अपने फैसले में कहा था कि नवाब मलिक और अनिल देशमुख राज्यसभा चुनाव में वोट नहीं डाल सकते। नवाब मलिक और अनिल देशमुख मनी लॉन्ड्रिंग के अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार हैं और दोनों जेल में हैं। मलिक ने हाईकोर्ट से उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई की अपील की थी।
राज्यसभा चुनाव में एक-एक वोट की अहमियत को देखते हुए ही नवाब मलिक और अनिल देशमुख का वोट महा विकास आघाडी के लिए बेहद अहम हो सकता था।
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