एनसीपी नेता नवाब मलिक ने पहली बार साफ़ संकेत दिए हैं कि शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस-एनसीपी तैयार हैं। मलिक ने कहा कि कांग्रेस-एनसीपी ने साथ मिलकर यह फ़ैसला किया है कि हमें महाराष्ट्र में वैकल्पिक सरकार ज़रूर देनी चाहिए। उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि यह एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना के साथ आए बिना संभव नहीं है। हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी मुद्दों को सुलझाने के बेहतरीन प्रयास कर रहे हैं और जल्द से जल्द वैकल्पिक सरकार देंगे।
Nawab Malik: Congress-NCP together decided that we must give an alternate govt in Maharashtra. It is not possible without NCP-Congress-Shiv Sena coming together. We are trying our best to resolve all issues. We will provide alternate govt as soon as possible. https://t.co/51osLVVtDA pic.twitter.com/TXG0npr5nM
— ANI (@ANI) November 20, 2019
बैठक के बाद कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने भी कहा कि राज्य में एक स्थिर सरकार की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे बीच सकारात्मक बातचीत हुई है और राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाने की ज़रूरत है। हालाँकि पृथ्वीराज चव्हाण ने शिवसेना के साथ गठबंधन पर सहमति को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं दिया। दोनों नेताओं के बयानों से माना जा रहा है कि कांग्रेस ने शिवसेना के साथ गठबंधन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
इससे पहले एनसीपी के नेता मजीद मेमन ने इसकी पुष्टि करते हुए पत्रकारों से कहा था कि महाराष्ट्र में कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी के साथ मिल कर सरकार बनाए, इस पर सोनिया राजी हो गई हैं।
मेमन ने कहा था, 'साझा न्यूनतम कार्यक्रम अब तक तय नहीं हुआ है। पर मैडम (सोनिया गाँधी) ने सरकार बनाने को लिए हरी झंडी दे दी है। हम एक स्थायी और प्रगतिशील सरकार बनाने की कोशिश करेंगे।'
बुधवार की शाम एनसीपी नेता शरद पवार ने कांग्रेस और शिवसेना के नेताओं के साख अलग-अलग बैठक की थी। सोनिया गाँधी पहले शिवसेना के साथ मिल कर सरकार बनाने के पक्ष में नहीं थीं। वे सैद्धान्तिक कारणों से हिन्दुत्ववादी दल के साथ सरकार बनाने से हिचक रही थीं।
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