एमवीए के सहयोगी दलों के अंदर ही जब कई तरह के घमासान चलने की ख़बरें आ रही हैं तो क्या वे 2024 के लिए एमवीए गठबंधन के तौर पर फ़ैसला ले पाएँगे? एनसीपी के कई नेता ईडी जांच का सामना कर रहे हैं, पिछले महीने कयास लगाए जा रहे थे कि अजीत पवार भाजपा के साथ हाथ मिलाने वाले हैं और कांग्रेस में भी अपने आंतरिक कलह की रिपोर्टें हैं। एमवीए के इन दलों के बीच इतनी दिक्कतों के बावजूद ख़बर है कि 2024 के लिए सीट शेयरिंग का फ़ॉर्मूला निकाल लिया गया है और क़रीब-क़रीब तीनों दलों के बीच सहमति बनने के आसार हैं। तो सवाल है कि आख़िर यह फ़ॉर्मूला क्या है और वे दल आख़िर उस पर सहमत होते कैसे दिख रहे हैं?