क्या नई संसद के उद्घाटन का बहिष्कार क्यों ? क्या विपक्ष राजनीति कर रहा है या फिर प्रधानमंत्री पूरे मुद्दे को हाईजैक कर रहे हैं ? क्या राष्ट्रपति मुर्मू को नहीं बुलाना उनका अपमान है ? क्या राष्ट्रपति सिर्फ़ एक रबर स्टैंप हैं ? आशुतोष के साथ चर्चा में शरद गुप्ता, जावेद अंसारी, प्रेम कुमार, राजीव पांडे और पंकज श्रीवास्तव ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।