क्या आप इसकी कल्पना कर सकते हैं कि आप नागरिकता क़ानून के विरोध की बात भी कर रहे हों तो बग़ल में खड़ा आदमी पुलिस बुला ले? पुलिस आपको थाने ले जाए और आधी रात को भी घंटों पूछताछ करे। अजीबोग़रीब सवाल करे। हैरान न हों, ऐसा मामला मुंबई में आया है। आइए, हम आपको बताते हैं कि मामला क्या है। दरअसल, उबर ड्राइवर ने अपनी टैक्सी में सवारी को फ़ोन पर नागरिकता क़ानून के विरोध की बात सुनी। ड्राइवर ने एटीएम से रुपये निकालने की बात कहकर गाड़ी रोकी, दो पुलिस कर्मियों को साथ ले आया और उसे गिरफ़्तार करने को कहा।
सीएए विरोध की बात सुन उबर ड्राइवर ने सवारी को पुलिस के हवाले किया
- महाराष्ट्र
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- 7 Feb, 2020
क्या आप इसकी कल्पना कर सकते हैं कि आप नागरिकता क़ानून के विरोध की बात भी कर रहे हों तो बग़ल में खड़ा आदमी पुलिस बुला ले? पुलिस आपको थाने ले जाए और आधी रात को भी घंटों पूछताछ करे।

भले ही यह घटना छोटी और सामान्य लगती हो, लेकिन यह देश में ख़तरनाक ट्रेंड को दिखाती है। क्या किसी क़ानून के विरोध की बात भर करने से किसी आम व्यक्ति द्वारा इस तरह की प्रतिक्रिया देना सामान्य है? क्या वह उस नफ़रत का नतीजा नहीं दिखता जिस नफ़रत के कारण जामिया में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान एक किशोर ने गोली चलाई थी और गोली चलाने वाले ने कहा था 'ये लो आज़ादी'? क्या यह एक ख़ास प्रोपगेंडा का नतीजा नहीं है?