टेलीविजन रेटिंग में कथित धांधली मामले में रिपब्लिक टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास खानचंदानी से मुंबई पुलिस की अपराध शाखा पूछताछ कर रही है। इस मामले में रिपब्लिक टीवी सहित तीन चैनलों के नाम सामने आए हैं। मुंबई पुलिस ने दावा किया है कि विज्ञापन की ऊँची क़ीमतें वसूलने के लिए ये चैनल रेटिंग से छेड़छाड़ करा रहे थे जो कि धोखाधड़ी की श्रेणी में आती है। तीन में से दो चैनलों के मालिकों को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है और शनिवार को रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास, सीएफ़ओ शिव सुब्रह्मण्यम सुंदरम सहित छह लोगों को समन भेजा गया था। सभी छह लोगों को पेश होने को कहा गया था।
इस मामले में रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास रविवार सुबह मुंबई पुलिस के मुख्यालय में इसकी अपराध शाखा के सामने पेश हुए। हालाँकि, इस पूरे मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रमुख संपादक अर्णब गोस्वामी ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कार्यक्रम में भी इस मामले में सफ़ाई दी है। उन्होंने कहा था कि एफ़आईआर में चैनल के नाम का उल्लेख नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनके चैनल को इसलिए घसीटा जा रहा है क्योंकि इसने सुशांत सिंह राजपूत मामले की रिपोर्टिंग की। उन्होंने पुलिस को कोर्ट में घसीटने की चेतावनी भी दी। ऐसा लगता है कि अर्णब गोस्वामी इशारों में ही सुशांत सिंह के हवाले से उद्धव ठाकरे सरकार पर निशाना साध रहे हैं क्योंकि रिपब्लिक टीवी इस मामले में बार-बार मुंबई पुलिस और उद्धव ठाकरे सरकार पर सवाल करता रहा है।
रिपब्लिक टीवी के सीएफ़ओ शिव सुंदरम ने मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर कहा है कि वह जाँच के लिए 14-15 अक्टूबर को उपलब्ध हो सकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि इस मामले में जाँच को आगे तब तक नहीं बढ़ाया जाए जब तक सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई नहीं हो जाती है।
टीआरपी में गड़बड़ी का यह मामला 8 अक्टूबर को तब सामने आया जब मुंबई पुलिस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। मुंबई पुलिस का दावा है कि कुछ टीवी चैनल पैसे देकर अपनी टीआरपी बढ़ाया करते थे। इस मामले में रिपब्लिक टीवी पर भी गंभीर आरोप लगे हैं।
रिपब्लिक भारत टीवी अप्रत्याशित रूप से पिछले छह हफ़्तों से नंबर एक चैनल बन गया था। तब यह कहा गया कि सुशांत सिंह पर इकतरफ़ा कवरेज से उसे ज़्यादा दर्शकों ने देखा और उसकी लोकप्रियता बढ़ी। अब पुलिस रिपब्लिक टीवी समेत तीन टेलीविज़न चैनलों पर टीआरपी की हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए इस मामले की जाँच कर रही है।
मुंबई पुलिस के प्रमुख परमवीर सिंह ने तब प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि 'इन चैनलों के बैंक खातों की जाँच की जाएगी और इसकी पड़ताल की जाएगी कि उनके खातों में जमा पैसे विज्ञापनों से मिले हैं या आपराधिक गतिविधियों से हुई कमाई है।' उन्होंने कहा, 'यदि अपराध का खुलासा हुआ तो इन खातों को पुलिस अपने कब्जे में ले लेगी और कार्रवाई करेगी।'
परमवीर सिंह ने कहा, 'रेटिंग को मनमर्जी तरीके से दिखाने के लिए घरेलू आँकड़ों का इस्तेमाल किया गया, इन चैनलों को ग़ैरक़ानूनी विज्ञापन फंड से पैसे मिले हैं। इसे फ़र्जीवाड़े से मिला पैसा माना जाएगा।'
परमवीर सिंह ने यह भी कहा था कि न्यूज़ ट्रेंड में जोड़तोड़ और हेराफेरी कैसे की जाती है, झूठी कहानी कैसे गढ़ी जाती है, और ग़लत बात कैसे फैलाई जाती है, पुलिस तफ़्तीश में इसकी भी जाँच की जाएगी। इस पूरे मामले का विश्लेषण किया जाएगा।
इसी मामले में रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों को समन भेजा गया और उनसे पूछताछ की जा रही है।
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