मुंबई पुलिस ने टीआरपी स्कैम में कथित तौर पर सीधे अर्णब गोस्वामी का हाथ होने का पहली बार सबूत होने का दावा किया है। पुलिस ने अदालत में सोमवार को रिमांड रिपोर्ट पेश की है। इसमें इसने कहा है कि रिपब्लिक टीवी के प्रमुख संपादक अर्णब गोस्वामी ने रिपब्लिक न्यूज़ के दो चैनलों की रेटिंग बढ़ाने के लिए ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल यानी बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को लाखों रुपये का भुगतान किया था।
पार्थो दासगुप्ता को पिछले हफ़्ते ही गिरफ़्तार किया गया था। इससे पहले टीआरपी स्कैम के मामले में ही रिपब्लिक टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास खानचंदानी को मुंबई पुलिस गिरफ़्तार कर चुकी थी। टीआरपी स्कैम के मामले में अब तक 15 गिरफ़्तारी हो चुकी है। लेकिन अब तक सीधे अर्णब गोस्वामी का नाम नहीं आया था।
लेकिन अब मुंबई पुलिस ने सीधे अर्णब का हाथ होने का आरोप लगाया है। हालाँकि इस रिमांड रिपोर्ट में भी आरोपियों के रूप में 'रिपब्लिक के मालिक' का नाम है, लेकिन विशेष रूप से अर्णब गोस्वामी के नाम का ज़िक्र नहीं है।
रिमांड रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि अर्णब गोस्वामी ने दासगुप्ता और बार्क के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी - पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया को भुगतान किया।
रामगढ़िया पर रिपब्लिक टीवी के अंग्रेजी और हिंदी चैनलों की टीआरपी में हेरफेर करने के लिए 'कुछ चैनलों को गुप्त और गोपनीय जानकारी देने' का आरोप है।
पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार दासगुप्ता ने पैसे का इस्तेमाल आभूषण और अन्य क़ीमती सामान खरीदने के लिए किया जो उनकी गिरफ़्तारी के समय उनके आवास से जब्त किए गए थे।
पुलिस ने कहा, 'उस खरीद में लगभग 1 लाख रुपये की एक Tag Heuer घड़ी और 2.22 लाख रुपये के नकली आभूषण और पत्थर शामिल हैं।'
बता दें कि टीआरपी में गड़बड़ी का यह मामला 8 अक्टूबर को तब सामने आया जब मुंबई पुलिस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की थी। 6 अक्टूबर को केस दर्ज किया गया था। मुंबई पुलिस का दावा है कि कुछ टीवी चैनल पैसे देकर अपनी टीआरपी बढ़ाया करते थे। इस मामले में रिपब्लिक टीवी पर भी गंभीर आरोप लगे हैं।
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टीआरपी स्कैम में रिपब्लिक टीवी सहित तीन चैनलों के नाम सामने आए। मुंबई पुलिस ने दावा किया था कि विज्ञापन की ऊँची क़ीमतें वसूलने के लिए ये चैनल रेटिंग से छेड़छाड़ करा रहे थे जो कि धोखाधड़ी की श्रेणी में आती है। तीन में से दो चैनलों के मालिकों को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका था। इसके बाद दिसंबर महीने में रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास खानचंदानी को गिरफ़्तार किया गया था। इससे पहले 10 अक्टूबर को रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास, सीएफ़ओ शिव सुब्रह्मण्यम सुंदरम सहित छह लोगों को समन भेजा गया था।
बता दें कि जब अक्टूबर महीने में पहली बार यह मामला आया था तब रिपब्लिक भारत टीवी अप्रत्याशित रूप से पिछले छह हफ़्तों से नंबर एक चैनल बन गया था। तब यह कहा गया कि सुशांत सिंह पर इकतरफ़ा कवरेज से उसे ज़्यादा दर्शकों ने देखा और उसकी लोकप्रियता बढ़ी।
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