महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ठाकरे मुंबई में ईडी के दफ़्तर पहुँच गए हैं जहाँ जाँच एजेंसी ईडी उनसे पूछताछ कर रही है। मुंबई पुलिस ने ईडी ऑफ़िस के बाहर धारा 144 लागू कर दी है और मनसे कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है। पुलिस का कहना है कि ऐसा शांति व्यवस्था को बनाये रखने के लिए किया गया है। हालाँकि ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे ईडी ऑफ़िस के बाहर इकट्ठे ने हों।
मुंबई के सभी 12 जोन में मनसे कार्यकर्ताओं पर निगाह रखी जा रही है। प्रमुख मनसे नेता संदीप देशपांडे को भी पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। राज ठाकरे के घर के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मनसे नेता संतोष धुरी ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता राज ठाकरे के आदेशों का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर हमें उकसा रही है।
ईडी ने राज ठाकरे को रविवार को नोटिस दिया था। यह नोटिस आईएल एंड एफ़एस के कथित भुगतान डिफ़ॉल्ट से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जाँच के सिलसिले में है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी एमएनएस ने आरोप लगाया है कि एक बहुत पुराने मामले में राज ठाकरे को ईडी ने राजनीतिक प्रतिशोध के कारण नोटिस जारी किया है। ईडी ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और शिवसेना नेता मनोहर जोशी के बेटे उन्मेश जोशी को भी नोटिस जारी किया था। नोटिस के जारी होने के बाद राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई थी।
बीजेपी-एमएनएस आए आमने-सामने
क्या ईडी की यह कार्रवाई राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर की जा रही है? कम से कम एमएनएस का आरोप तो ऐसा ही है। एमएनएस के प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने आरोप लगाया था कि विधानसभा चुनाव के कारण यह कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘इस साल की शुरुआत में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राज ठाकरे ने सनसनी फैला दी थी। इसका लोगों पर काफ़ी असर पड़ा था और अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह की चुनौती से बचने के लिए ईडी ने उन्हें नोटिस जारी किया है।’ देशपांडे ने इसके ख़िलाफ़ सड़क पर उतरने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार राज ठाकरे के ख़िलाफ़ पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर कोई कार्रवाई करती है तो हम सड़क पर उतरेंगे। इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने चेताया है कि यदि एमएनएस अप्रिय घटना की वजह बनती है तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे। बता दें कि बीजेपी और एमएनएस के बीच नोकझोंक चलती रही है और लड़ाई लोकसभा चुनाव के दौरान काफ़ी तेज़ हो गई थी।
आईएल एंड एफ़एस समूह के क़र्ज़ से उन्मेश जोशी द्वारा प्रवर्तित कंपनी कोहिनूर सीटीएनएल के शेयरों में निवेश के मामले में ईडी राज ठाकरे के जुड़े होने की जाँच कर रहा है। बता दें कि ठाकरे और उन्मेश जोशी ने कंसोर्टियम बनाने के बाद कुछ परिसंपत्तियों के लिए संयुक्त रूप से बोली लगाई थी, लेकिन बाद में मनसे प्रमुख इससे हट गए थे।
आईएल एंड एफ़एस ने कोहिनूर सीटीएनएल में 200 करोड़ रुपये से ज़्यादा निवेश किया था, जिसमें इसे काफ़ी नुक़सान हुआ। ईडी ने पिछले हफ़्ते एक विशेष अदालत में पहला आरोप पत्र भी दाखिल किया था। इस मामले में 570 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है। इस साल फ़रवरी में मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया गया था। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज एफ़आईआर के आधार पर यह कार्रवाई की गई थी।
मोदी के ख़िलाफ़ मुखर रहे हैं ठाकरे
लोकसभा चुनाव के दौरान राज ठाकरे ने मोदी के ख़िलाफ़ जमकर प्रचार किया था। उन्होंने 'प्रॉक्सी' यानी 'परोक्ष' प्रचार किया था। महाराष्ट्र नव निर्माण सेना चुनाव नहीं लड़ रही थी लेकिन राज ठाकरे ने कई सभाएँ कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी प्रमुख अमित शाह के ख़िलाफ़ प्रदेश भर में प्रचार किया था। राज ठाकरे की इन सभाओं में युवाओं की भीड़ ख़ूब रही। इन सभाओं में वह नरेन्द्र मोदी के उन वीडियो को दिखा रहे थे जिसमें मोदी आतंकवाद, नोटबंदी, सैनिकों, देश की सुरक्षा, विकास आदि को लेकर पिछले लोकसभा चुनाव से पहले बोलते थे। इसके बाद राज ठाकरे मौजूदा स्थिति की तुलना कर मोदी की आलोचना करते थे।
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